नागौर ज़िले के खींवसर में होने वाले विधान सभा उप-चुनाव में अब मुद्दों पर बात होने लगी है.
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नागौर: नागौर ज़िले के खींवसर में होने वाले विधान सभा उप-चुनाव में अब मुद्दों पर बात होने लगी है. उम्मीदवार चाहे बीजेपी एवं आरएलपी गठबंधन के नारायण बेनीवाल हो या फिर कांग्रेस के उम्मीदवार हरेंद्र मिर्धा. दोनों ही उम्मीदवारों ने खींवसर क्षेत्र के विकास, पिछड़ापन एवं किसानों की समस्याओं को लेकर जनता के बीच जाना शुरू कर दिया है. इन्हीं मुद्दों को लेकर खींवसर विधान सभा का उप चुनाव लड़ा जा रहा है.
प्रदेश के सियासी उलट फेर में अब सभी की नज़रें खींवसर विधान सभा के उप चुनाव पर आकर टिक गई है. सियासी समीकरण चाहे कुछ भी हो लेकिन बोतल से मुद्दों का जिन्न ज़रूर बाहर आ गया है. फिर चाहे उम्मीदवार सता पक्ष का हो विपक्ष का सभी अपने अपने सियासी मुद्दों को लेकर चुनाव धरातल पर पब्लिक के बीच जाते नज़र आ रहे है. कुछ ऐसा ही राजनीतिक समीकरणो से रुबरू हो रहा है खींवसर क्षेत्र का विधान सभा का उप चुनाव.
खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल के नागौर के सांसद बनने से ख़ाली हुई खींवसर विधान सभा सीट बीजेपी ने गठबंधन में आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनिवाल के छोटे भाई नारायण बेनीवाल के लिए छोड़ दी है. वहीं, कांग्रेस ने पूर्व मंत्री एवं नागौर ज़िले के दिग्गज परिवार मिर्धा परिवार से हरेंद्र मिर्धा को खींवसर विधान सभा के उप में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में उतारा है. लेकिन चुनावी मुद्दा विकास के इर्द-गिर्द घूम रहा है.
जानिए उम्मीदवारों की राय
कांग्रेस उम्मीदवार हरेंद्र मिर्धा ने बताया की वह विकास के मुद्दों को लेकर पब्लिक के बीच में चुनावी कैम्पेन करने जा रहे हैं. वहीं, आरएलपी बीजेपी गठबंदन नारायण बेनिवाल ने कहा कि उनका परिवार पिछले कई सालों से जनता की सेवा कर रहा है. जनता के इसी भाव को देखते हुए वह खींवसर क्षेत्र की जनता के बीच जा रहे है. उन्होंने किसानो के मुद्दों को लेकर विधान सभा के उप-चुनाव में आम लोगों के बीच जाने की बात कही है.