कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा ने बताया कि ये वो लोग हैं जिनको अपने परिवार ने भी छोड़ दिया. इनके सार संभाल नहीं की है. त्योहार की खुशियों परिवार के साथ होती है.
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कोटा: जिला प्रशासन की अभिनव पहल के तहत निराश्रित, बेसहारा, वरिष्ठजनों, दिव्यांग और मानसिक बंधुओं को अपनेपन का भाव देने के लिए मल्टीप्लेक्स में फिल्म दिखाई गई. इसमें जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उन्हें लेकर पहुंचे. फेस्टिवल सीजन में एक परिवार जैसा माहौल इन लोगों को देने का प्रयास किया गया ताकि उनको परिवार की कमी ना खले और अपनापन भी लगे.
जिला प्रशासन एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ने इन लोगों के आने-जाने की पूरी व्यवस्था की. उनके साथ बगल में पहुंचने पर इन लोगों का ढोल नगाड़े से स्वागत किया गया. सबके ऊपर पुष्प वर्षा की गई और माला पहनाकर स्वागत किया गया. वहीं कुछ दिव्यांग बच्चे थे, जिनको खुद कलेक्टर गोदी में लेकर सिनेमाघर तक गए, कई लोग ऐसे थे जो व्हीलचेयर पर थे, इनको भी सिनेमाघर में फिल्म दिखाने के लिए विशेष इंतजाम किया गया. उन्हें व्हीलचेयर पर बैठकर फिल्म दिखाई गई.
कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा ने बताया कि ये वो लोग हैं जिनको अपने परिवार ने भी छोड़ दिया. इनके सार संभाल नहीं की है. त्योहार की खुशियों परिवार के साथ होती है. इन लोगों को खुशियां देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इन लोगों के आने और जाने की पूरी व्यवस्था की गई है. यह लोग सुरक्षित आ और जा सके. इन्हें अपनापन देने की कोशिश जिला प्रशासन ने की है. हमने इनको मानसिक संबल देने का प्रयास किया है.
कोटा ग्रामीण एसपी राजन दुष्यंत ने कहा कि जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इन लोगों के सार संभाल की जाए. ऐसे में इनको थियेटर में ले जाकर मूवी दिखाना भी जिम्मेदारी का अहसास कराना है. जो फिल्म इनको दिखाई गई है. उसमें भी दिव्यांग लोगों के लिए अच्छा मैसेज है ताकि ये लोग उठ खड़ा होने की कोशिश करें.
सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के उप निदेशक ओमप्रकाश तोषनीवाल ने बताया कि 177 लोगों ने सुपर-30 फिल्म देखी है. यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा. इन लोगों का इसी तरह से मनोरंजन किया जाएगा.