जयपुर के किसानों को 2020 तक 1177 करोड़ 75 लाख रूपये का ऋण वितरण किया जाएगा.
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जयपुर: जयपुर के किसानों को 2020 तक 1177 करोड़ 75 लाख रूपये का ऋण वितरण किया जाएगा. राज्य सरकार की दोनों ऋण माफी योजना के तहत्त 933.10 करोड़ रूपये की ऋण माफी का लाभ जिले के लगभग 1.43 लाख किसानों को मिला है.बैंक ने वर्ष 2018-19 में 13 करोड़ 59 लाख का परिचालन लाभ और 3.07 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है.
सहकार भवन में जयपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक की वार्षिक साधारण सभा आयोजित हुई. जिसमें जिला कलक्टर और प्रशासक ने कहा कि राज्य में पहली बार सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना के तहत्त जिले में 1.38 लाख किसानों का ऑनलाइन फसली ऋण पोर्टल पर पंजीयन किया जा चुका है. पंजीयन की प्रक्रिया जारी है.
किसानों की साख सीमा स्वीकृत करते हुए डीएमआर के माध्यम से ही ऋण वितरण किया जा रहा है. जिसके द्वारा भेद-भाव एवं अनियमिताओं की संभावना शून्य हुई है. उन्होंने बताया कि बैंक निरंतर लाभ में काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि बैंक ने कृषि निवेश ऋणों की मांग के विरूद्ध 96.90 प्रतिशत वसूली की है.
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अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक इंदर सिंह ने कहा कि अधिकतम किसानों को फसली ऋण मिले इसके लिए ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना किसानों के हित में लागू की गई है. इस योजना से किसानों की अधिकतम साख सीमा ऑनलाइन स्वीकृत होती है जिससे भेद-भाव एवं भाई भतीजावाद समाप्त हुआ है.
उन्होंने कहा कि नए सदस्य किसानों को इस योजना से जोड़ा जा रहा है ताकि उन्हें भी फसली ऋण मुहैया कराया जा सकें. उन्होंने कहा कि बैंकिग क्षेत्र में यह योजना लागू करने वाला राजस्थान एकमात्र राज्य है.
वहीं, प्रबंध निदेशक इन्द्रराज मीणा ने बताया कि बैंक उत्तरोत्तर अच्छी वित्तीय स्थति की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि बैंक कृषि ऋण योजनाओं में कृषक मित्र योजना, कृषक समृद्धि, सहकार किसान कल्याण योजना, एवं फसली ऋण के माध्यम से किसानों के सशक्तीकरण के लिए कार्य कर रहा है. वहीं, अकृषि ऋण योजनाओं में आवास एवं व्यवसायिक परिसर ऋण योजना, कल्पतरू योजना, अचल सम्पति रहन ऋण योजना, सीसीटी, महिला स्वयं सहायता समूह ऋण तथा वाहन ऋण के माध्यम से लोगों को सुविधा प्रदान कर रहा है.
इस दौरान अतिरिक्त रजिस्ट्रार, बैंकिग भोमाराम ने सदस्यों की ओर से आये सुझाव पर विभाग की ओर से होने वाले निर्णयों पर शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया. साधारण सभा में अंकेक्षित लेखों, अंकेक्षक की नियुक्ति और कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया.