पन्नीरसेल्वम और 10 अन्य AIADMK विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग हाईकोर्ट से खारिज
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पन्नीरसेल्वम और 10 अन्य AIADMK विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग हाईकोर्ट से खारिज

कोर्ट में पन्नीरसेल्वम ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया था कि व्हिप रिसोर्ट में ठहरे 122 विधायकों को ही जारी किया गया था न कि उनके पिछले गुट को. बाद में दोनों गुटों का विलय हो गया और पन्नीरसेल्वम उपमुख्यमंत्री बनाये गए.

तमिलनाडु के डिप्टी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम (फाइल फोटो)

चेन्नईः मद्रास हाईकोर्ट ने पिछले साल पलानीस्वामी सरकार के विरुद्ध मतदान करने को लेकर तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम और 10 अन्य अन्नाद्रमुक (AIADMK) विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग संबंधी द्रमुक की अर्जी शुक्रवार को खारिज कर दी. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति अब्दुल कुड्डहोस की खंडपीठ ने द्रमुक के सचेतक सक्कारपानी की याचिका निरस्त कर दी. इसके लिए खंडपीठ ने विधानसभा के अध्यक्ष को निर्देश जारी करने के अदालत के अधिकारों के बारे में उच्चतम न्यायालय में एक याचिका लंबित होने का हवाला दिया. 

याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि विश्वास प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान कर इन विधायकों ने सत्तारुढ़ दल द्वारा जारी व्हिप का उल्लंघन किया अतएव दल - बदल कानून के तहत वे सदन की सदस्यता के लिए योग्य नहीं हैं. पन्नीरसेल्वम और अन्य विधायकों ने अन्नाद्रमुक नेतृत्व के विरुद्ध बगावत की थी . उन्होंने 18 फरवरी , 2017 को मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी द्वारा लाये गये विश्वास प्रस्ताव के विरुद्ध वोट डाला था. पलानीस्वामी ने 11 के मुकाबले 122 मतों के अंतर से विश्वास मत जीता था. 

 

पन्नीरसेल्वम ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया था कि व्हिप रिसोर्ट में ठहरे 122 विधायकों को ही जारी किया गया था न कि उनके पिछले गुट को. बाद में दोनों गुटों का विलय हो गया और पन्नीरसेल्वम उपमुख्यमंत्री बनाये गये. इन दोनों गुटों ने विलय के बाद वी के शशिकला और उनके भांजे टी टी वी दिनाकरण को हाशिये पर धकेल दिया था. बाद में चुनाव आयोग ने पलानीस्वामी - पन्नीरसेल्वम गुट को पार्टी का चुनाव चिह्न आवंटित किया था और दिनाकरण गुट के दावे को खारिज कर दिया था. 

(इनपुट भाषा से)

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