बाढ़ की वजह से महाराष्ट्र रेजिडेंट डॉक्टर्स ने अस्थाई रूप से खत्म की हड़ताल
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बाढ़ की वजह से महाराष्ट्र रेजिडेंट डॉक्टर्स ने अस्थाई रूप से खत्म की हड़ताल

इस लेटर में डॉ. शशांक भारद्वाज ने लिखा है कि डॉ. टीपी लाहने ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांगों को पूरा किया जाएगा.

बुधवार को अपनी मांगे पूरी न होने के चलते हड़ताल पर उतरे थे रेजिडेंट डॉक्टर्स.

मुंबई: मुंबई समेत महाराष्ट्र के हजारों रेजिडेंट डॉक्टर (एमएआरडी) ने बुधवार को शुरू की अपनी हड़ताल को खत्म कर दिया है. इसी के साथ सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स वापस अपनी ड्यूटी पर चले गए हैं. दरअसल, मुंबई समेत महाराष्ट्र के डॉक्टर्स उनके प्रति राज्य और केंद्र सरकार के लापरवाह रवैये से परेशान हैं. हालांकि, महाराष्ट्र के कई हिस्सों में आई बाढ़ और मुंबई में जारी हाई अलर्ट के चलते डॉक्टर्स द्वारा मानवीय आधार पर हड़ताल को फिलहाल के लिए रोक दिया गया है. 

बता दें, बुधवार को रेजिडेंट डॉक्टर की हड़ताल के बाद एमएआरडी के जर्नल सेक्रेट्री डॉ. शशांक भारद्वाज की डॉक्टर टीपी लाहने के साथ मीटिंग के बाद उन्होंने एक लेटर जारी करते हुए अपनी हड़ताल को वापस लेने का ऐलान किया. इस लेटर में डॉ. शशांक भारद्वाज ने लिखा है कि डॉ. टीपी लाहने ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांगों को पूरा किया जाएगा. साथ ही डॉक्टर होने के नाते ये हमारी जिम्मेदारी है कि महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति और मुंबई में हाई अलर्ट के चलते लोगों की मदद करें. इस वजह से एमएआरडी अस्थायी रूप से अपनी हड़ताल वापस ले रही है और सभी डॉक्टर्स अपने काम पर तत्काल प्रभाव से लौट रहे हैं. 

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यहां आपको बता दें, रेजिडेंट डॉक्टरों की मुख्य मांगों में स्टाइपेंड और समय पर भुगतान में वृद्धि, केंद्र सरकार के संस्थानों में रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ बढ़ोतरी, मातृत्व और तपेदिक के पत्तों के लिए निश्चित मानदंड, प्रस्तावित नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल में संशोधन, रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए बेहतर जीवनयापन, सुरक्षा शामिल हैं. 

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