मराठा आरक्षण आंदोलन : महाराष्ट्र के मंत्री बोले, '15 नवंबर तक कुछ नहीं किया जा सकता'
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मराठा आरक्षण आंदोलन : महाराष्ट्र के मंत्री बोले, '15 नवंबर तक कुछ नहीं किया जा सकता'

मराठा समुदाय को आरक्षण देने के संबंध में समयबद्ध कार्यक्रम पेश करने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को सौंपी गई है, जो अपनी रिपोर्ट 15 नवंबर को देगा.

महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चन्द्रकांत पाटिल (फाइल फोटो साभार- PTI)

मुंबई: महाराष्ट्र में गुरुवार को बुलाए गए बंद से पहले महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चन्द्रकांत पाटिल ने बुधवार को कहा कि 15 नवंबर तक इस सिलसिले में कुछ नहीं किया जा सकता है.  बता दें मराठा समुदाय को आरक्षण देने के संबंध में समयबद्ध कार्यक्रम पेश करने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को सौंपी गई है, जो अपनी रिपोर्ट 15 नवंबर को देगा.

भाजपा नेता ने मिराज और सांगली जिलों में संवाददाताओं से कहा कि आयोग ने इसके लिए 15 नवंबर तक का समय मांगा है. इसी कारण सरकार उस वक्त तक सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के संबंध में सरकार कोई फैसला नहीं ले सकती है. आयोग को इस संबंध में 1.87 लाख सलाह और ज्ञापन मिले हैं, जिनका गहन अध्ययन करना जरूरी है. इनमें से कुछ तो 300 पन्नों के हैं.

9 अगस्त को मराठा समूहों ने बुलाया है बंद
बता दें मराठा समूहों के संघ सकल मराठा समाज ने बुधवार को कहा कि नवी मुंबई को छोड़कर पूरे महाराष्ट्र में गुरुवार को ‘बंद’ रखा जाएगा ताकि आरक्षण के लिए समुदाय की मांग पर दबाव बनाया जा सके. संगठन के एक नेता ने कहा कि सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन होगा.

सकल मराठा समाज के नेता अमोल जाधवराव ने कहा,‘यह राज्यव्यापी बंद होगा जिसमें नवी मुंबई शामिल नहीं होगा. बंद से सभी आवश्यक सेवाओं, स्कूलों और कॉलेजों को अलग रखा गया है.’ उन्होंने कहा,‘कुछ संवेदनशील मुद्दों के कारण हमने नवी मुंबई में बंद नहीं करने का निर्णय किया है.’  महाराष्ट्र के कुछ हिस्से खासकर नवी मुंबई के कोपरखैरने और कलमबोली में पिछले महीने मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा हुई थी.

(इनपुट - भाषा)

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