आरे कॉलनी में 2700 पेड़ काटकर मेट्रो कारशेड बनाने का स्थानीय लोगों और शिवसना ने भी विरोध किया है .
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मुंबई: मेट्रो कारशेड का निर्माण आरे कॉलनी में करने का बीएमसी कमिशन प्रवीण परदेशी ने समर्थन किया है. बता दें आरे कॉलनी में 2700 पेड़ काटकर मेट्रो कारशेड बनाने का स्थानीय लोगों और शिवसना ने भी विरोध किया है .
जी मिडिया से बातचीत में बीएमसी कमिशनर प्रवीण परदेशी ने आरे कॉलनी में ही कारशेड बनाने के फैसला को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि युनायडेट नेशन कि एक संस्था ने मेट्रो के संदर्भ में एक स्टडी की है. जिसके मुताबीत मेट्रो के कारण हर साल 2.60 लाख टन कार्बन डाईऑक्साईड कम होगा. 2700 पेड़ जितना कार्बन डाईऑक्साईड साल भर में खींचते हैं उतना हीकार्बन डाईऑक्साईड मेट्रो के चलने से 7 दिन में कम होगा .
बीएमसी कमिशनर ने बोले, दुसरा मुद्दा है, मेट्रो कारशेड के लिए वैकल्पिक जगह का, आरे कॉलनी के बजाय कांजूर इलाके में मेट्रो कारशेड बनाने कि मांग उठ रही है. लेकिन कांजूर की जगह नीजी जमीन है. इस जगह पर सरकार कोई अधिकार नही है.
उन्होंन कहा कि 2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार से पुछा था कि आप इस कांजूर की जमीन के लिए कितनी कीमत देने के लिए तैयार है. उस समय चर्चा से यह तथ्य सामने आया की नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार 5200 करोड रुपए मालिक को देने पडेंगे. यह पैसे करदाता के जेब से जाने हैं , ऐसे में 5200 करोड रुपए का अतिरिक्त भार मुंबई पर पड़ता. अगर उतनी ही जमीन हमारे पास उपलब्ध है तो निजी जमीन मालिक को इतनी ज्यादा राशी देना कितना सही है.
उन्होंने कहा कि जहां तक आरे की पेड़ों कि संख्या का सवाल है तो आरे का क्षेत्र 1200 हेक्टर है, उसमें से 33 हेक्टर जगह मेट्रो कारशेड के लिए ली जा रही है. यहां के सिर्फ 2700 पेड़ काटे जा रहे है. हम तो जो पेड़ काटने वाले है उससे अधिक पेड़ लगाएंगे. मेट्रो से प्रदूषण कम होगा . जिनके पास निजी वाहन नही है वह मेट्रो से यात्रा करेंगे.