महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे की बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फणनवीस से चर्चा हो चुकी है
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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके नारायण राणे के बीजेपी ज्वाईन करने के बीच शिवसेना आ रही है. राणे ने ऐलान किया था कि वह अपनी पार्टी 'महाराष्ट्र स्वाभीमान पक्ष' का भी बीजेपी मे विलय करेंगे. बता दें बीजेपी- शिवसेना साथ मे महाराष्ट्र का चुनाव लड़ने वाले हैं.
सुत्रों के हवाले से खबर है कि नारायण राणे की बीजेपी में एंट्री से शिवसेना नाराज है और इस बात को लेकर बीजेपी के आला नेताओ के सामने अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुकी है जिसकी वजह से राणे के बीजेपी ज्वाइन करने में समय लग रहा है. गौरतलब है कि शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे और शिवसेना पर राणे निशाना साधते रहे हैं,
शिवसेना जता चुकी है नाराजगी
नारायण राणे के बीजेपी में जाने की कयासों पर कुछ दिनो पहले महाराष्ट्र सरकार मे शिवसेना के कोटे से गृह राज्यमंत्री दीपक केसरकर ने कहा था कि 'सीएम देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के जिस तरह आपसी संबंध है और जिस तरह वे सत्ता (महाराष्ट्र की सत्ता) में आए थे, उसमें यदि नारायण राणे बीजेपी में शामिल होते हैं तो ये 'दूध में नमक डालने' जैसा होगा. हम जानते हैं कि सीएम ऐसा कोई फैसला नहीं लेंगे.'
वहीं राणे का कहना है कि उनके बीजेपी में जाने के मसले पर फैसला बीजेपी लेगी. सूत्रों के मुताबिक राणे की बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फणनवीस से चर्चा हो चुकी है और उनसे कहा गया है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागु होने से पहले महाराष्ट्र स्वाभिमानी पक्ष का बीजेपी मे विलय होगा.
'शिवसेना बीजेपी के सामने सरेंडर कर चुकी हैं'
राणे का कहना है कि शिवसेना बीजेपी के सामने सरेंडर कर चुकी है साथ ही यह भी कहा कि शिवसेना पर वह पहले किसी भी बात को लेकर टिप्पणी नही करेंगे, लेकिन शिवसेना उन पर कोई टिप्पणी करेगी, तो वह चुप नही रहेंगे.
वही नारायण राणे के बीजेपी मे शामिल होने को लेकर सीएम देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि 'नारायण राणे, बीजेपी के बेहद करीबी हैं. अब बस इस पर फैसला आना बाकी है कि उनकी पार्टी को हमारी पार्टी के साथ मिलाया जाए या नहीं. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम फैसला शिवसेना से बातचीत होने के बाद ही लिया जाएगा."
राणे ने शिवसेना से की थी राजनीति की शुरुआत
नारायण राणे ने अपनी राजनीति की शुरुआत शिवसेना से की थी. शिवसेना में रहते हुए नारायण राणे 1 फरवरी 1999 से 17 अक्टूबर 1999 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं. बाद मे शिवसेना छोड़ कर कांग्रेस मे शामिल हुए थे.
शिवसेना छोड़ने के बाद राणे और शिवसेना मे दूरी इतनी बढ़ गई थी कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और राणे एक दुसरे पर टीका-टिप्पणी करने का कोई मौका नही छोड़ते थे.
कांग्रेस मे रहते हुए ही राणे 2014 मे विधानसभा चुनाव लड़े जिसमे उन्हे हार का मुंह देखना पड़ा, हालांकि बाद में उन्होंने अलग पार्टी महाराष्ट्र स्वाभीमानी पक्ष का गठन कर लिया. 2019 लोकसभा चुनाव मे भी उनके बेटे निलेश राणे चुनाव हार गए ऐसे मे अपना राजनीतिक वजुद बचाने के लिए राणे बीजेपी मे शामिल होने के लिए उत्सुक है.