नरोदा गाम दंगा : SIT ने कोर्ट से कहा, कोडनानी करीब 10 मिनट तक घटनास्थल पर मौजूद थीं
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नरोदा गाम दंगा : SIT ने कोर्ट से कहा, कोडनानी करीब 10 मिनट तक घटनास्थल पर मौजूद थीं

विशेष लोक अभियोजक गौरांग व्यास ने कोर्ट को बताया कि गोधरा में ट्रेन जलाए जाने की घटना के एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को नरोदा गाम में सुबह करीब नौ बजे कोडनानी की मौजूदगी के बारे में प्रत्यक्षदर्शियों के रूप में हमारे पास ठोस सबूत हैं.

माया कोडनानी (फाइल फोटो)

अहमदाबाद: गुजरात के नरोदा गाम में वर्ष 2002 में हुए नरसंहार की जांच कर रही एसआईटी ने शुक्रवार को यहां विशेष अदालत को बताया कि मुख्य आरोपी एवं राज्य की पूर्व मंत्री मायाबेन कोडनानी करीब 10 मिनट तक घटनास्थल पर मौजूद थीं और ‘भीड़ को भड़काने’ के बाद वह वहां से चली गईं.

विशेष लोक अभियोजक गौरांग व्यास ने शुक्रवार की सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश एम. के. दवे को बताया कि गोधरा में ट्रेन जलाए जाने की घटना के एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को नरोदा गाम में सुबह करीब नौ बजे कोडनानी की मौजूदगी के बारे में प्रत्यक्षदर्शियों के रूप में हमारे पास ठोस सबूत हैं.

बचाव पक्ष की ओर से पेश गवाह से जिरह करते हुए व्यास ने कहा कि ‘सिर्फ कोडनानी को बचाने के लिए ऐसे गवाह पैदा किए जा रहे हैं’. इस गवाह ने दावा किया था कि कोडनानी उस दिन या तो गांधीनगर में गुजरात विधानसभा में थीं या सोला सिविल अस्पताल में थीं.

कोडनानी ने अपने बचाव में अदालत में दावा किया था कि 28 फरवरी की सुबह वह गांधीनगर में विधानसभा में थीं और उसके बाद वह सोला सिविल अस्पताल गई थीं जहां गोधरा से ‘कारसेवकों’ के शव लाए गए थे. 

व्यास इस बात पर कायम थे कि सुबह करीब आठ बजकर 40 मिनट पर गांधीनगर से रवाना होने के बाद कोडनानी सुबह करीब नौ बजे नरोदा गाम पहुंचीं. उन्होंने कहा कि कोडनानी के मोबाइल टावर लोकेशन के रिकॉर्ड के अनुसार वह सुबह करीब 10 बजे सोला इलाके पहुची थीं. प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही का हवाला देते हुए व्यास ने कहा कि उस इलाके के लोगों ने सुबह नरोदा गाम में कोडनानी को देखा था. उन्होंने कहा कि कोडनानी के खिलाफ मामला मुख्यत: नरोदा गाम इलाके के बाहर भीड़ को भड़काने वाला भाषण देने के बारे में है.

व्यास ने कहा, ‘प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि वहां वह करीब 10 मिनट रहीं. वह इलाके में नहीं गयीं. उन्होंने भीड़ को भड़काने वाला भाषण दिया और फिर चली गईं. यह मामला मुख्यत: भीड़ को भड़काने का है.’ 

 

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