गडकरी ने कहा 'मेरे प्रधानमंत्री बनने की कोई संभावना नहीं है. मैं जिस पद पर हूं, खुश हूं. अभी मुझे गंगा को लेकर कई काम पूरे करने हैं.'
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नई दिल्ली : बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को किसान नेता की ओर से उन्हें 2019 में प्रधानमंत्री बनाने की मांग पर प्रतिक्रिया दी. गडकरी ने कहा 'मेरे प्रधानमंत्री बनने की कोई संभावना नहीं है. मैं इस वक्त जहां पर हूं, खुश हूं.' बता दें कि महाराष्ट्र के किसान नेता किशोर तिवारी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) को पिछले दिनों पत्र लिखकर मांग की है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए नितिन गडकरी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित करें.
इस मुद्दे पर नितिन गडकरी ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में कहा 'मैं जिस पद पर हूं, खुश हूं. अभी मुझे गंगा को लेकर कई काम पूरे करने हैं. कई एक्सप्रेस हाईवे का निर्माण कराना है, जिससे कि 13-14 देशों तक भारत की सड़क मार्ग से पहुंच हो जाए. मुझे चार धाम के लिए भी सड़क निर्माण कराना है. साथ ही कई अन्य काम भी हैं जो पूरे करने हैं. मैं इन काम को लेकर खुश हूं और चाहता हूं कि इन्हें पूरा करूं.'
वहीं विपक्ष के महागठबंधन पर निशाना साधते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि राजनीति समझौते और सीमाओं का खेल है. जब कोई राजनीतिक दल यह समझ जाता है कि वो किसी राजनीतिक दल को परास्त नहीं कर सकता तो वह गठबंधन तैयार कर लेता है. गठबंधन खुशी से नहीं बल्कि विवशता के कारण बनाया जाता है. उन्होंने कहा कि यह तो मोदी जी और बीजेपी का डर है कि जो पार्टी पहले आपस में बात नहीं करती थीं वे अब साथ आ रही हैं.
गडकरी ने हाल ही में तीन राज्यों में मिली हार पर बोलते हुए कहा 'मैं इस पराजय नहीं मानता क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीटों का बड़ा अंतर था. इन चुनावों में जो भी कमी रह गई है हम उस पर लोकसभा चुनावों के लिए काम करेंगे. हम 2019 का चुनाव जीतेंगे और मोदी जी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाएंगे.'
गडकरी ने नॉर्थ ईस्ट में विकास कार्यों में हुई लापरवाही का आरोप पिछली सरकार पर लगाया. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की अनदेखी की है. उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में करीब 4000 करोड़ रुपये का प्रोजक्ट चल रहा है. इसके तहत 400 किमी की सड़क का निर्माण होना है. उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश एक बड़ा क्षेत्र है लेकिन इसकी जनसंख्या कम है, जबकि यह अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा हुआ है. सड़कों की कमी होने के कारण वहां गरीबी और बेरोजगारी है. लेकिन जब सड़कें बन जाएंगी तो इससे वहां रोजगार पैदा होगा.