UP: बेटों को पढ़ाया जाएगा संस्कार का 'पाठ', शिक्षा विभाग तैयार कर रहा प्रस्ताव
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UP: बेटों को पढ़ाया जाएगा संस्कार का 'पाठ', शिक्षा विभाग तैयार कर रहा प्रस्ताव

आने वाले दिनों में बेसिक व माध्यमिक के छात्र-छात्राएं महिलाओं से जुड़े मुद्दों के बारे में पढ़ सकेंगे. आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए पहली बार किसी प्रदेश में मिशन शक्ति जैसे वृहद अभियान को शुरू किया गया है. महिलाओं के सम्मान, स्वावलंबन और सुरक्षा के लिए हर वर्ग के लोगों को जागरूक करने संग महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में प्रदेश तेजी से अग्रसर है. 

फाइल फोटो.

लखनऊ: अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बेटों को भी महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) का पाठ पढ़ाया जाएगा. उन्हें संस्कारी बनाया जाएगा. महिलाओं के सम्मान और उनके स्वाभिमान की सीख राज्य के स्कूलों में दी जाएगी. बहुत जल्द मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की सरकार बेसिक व माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यक्रमों में महिला सम्मान से जुड़े विषयों के जरिए बड़ा बदलाव करने जा रही है.

महिला सशक्तिकरण व स्वावंलबन

इसके लिए शिक्षा विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है. आने वाले दिनों में बेसिक व माध्यमिक के छात्र-छात्राएं महिलाओं से जुड़े मुद्दों के बारे में पढ़ सकेंगे. आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए पहली बार किसी प्रदेश में मिशन शक्ति जैसे वृहद अभियान को शुरू किया गया है. महिलाओं के सम्मान, स्वावलंबन और सुरक्षा के लिए हर वर्ग के लोगों को जागरूक करने संग महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में प्रदेश तेजी से अग्रसर है. योगी सरकार इस पूरी मुहिम को अब स्थाई रूप देने जा रही है. महिला सशक्तिकरण व स्वावंलबन से जुड़ी चीजों को शिक्षा के पाठ्यक्रम में जोड़ने की तैयारी है.

शारदीय नवरात्र से वासंतिक नवरात्र तक चलने वाले अभियान के पहले चरण (25 अक्टूबर) तक उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 6,349 कॉलेजों के 5,57,383 छात्र-छात्राओं को वेबिनार, जागरूकता कार्यक्रम और प्रतियोगिता के तहत जागरूक किया गया.

अभियान के दूसरे चरण में माइक्रोप्लान को तैयार किया जा रहा है जिसमें पोर्टल को तैयार करके विभिन्न विभागों में संचालित कार्यक्रमों की जानकारी और फोटो अपलोड किए जाएंगे. इस पोर्टल पर महिलाओं व बेटियों से जुड़ी जानकारी एक क्लिक पर मिल सकेगी. इसके साथ ही जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रम में महिला लाभार्थियों की भागीदारी बढ़ाने और कौशल विकास विभाग महिलाओं को प्रशिक्षित करने और रोजगार से जोड़ा जाएगा.

अभिभावकों में खुशी की लहर
बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रम में महिला सशक्तिकरण विषय को शामिल करने के फैसले से अभिभावकों में खुशी की लहर है. समाज सेविका वर्षा वर्मा ने कहा कि योगी सरकार का यह अहम फैसला है. इस निर्णय से बेटों की सोच में बदलाव आएगा और भारत की संस्कृति में जहां शक्ति की पूजा होती है वहां असल मायनों में अब बेटियों का सम्मान मिलेगा. यूपी सरकार के इस फैसले से छात्रों में संस्कार के बीज शिक्षा के जरिए बोए जाएंगे. इस पाठ्यक्रम में भारत की महान महिला विभूतियों का जीवन परिचय, सफलता की कहानियां, लैंगिक समानता, सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर शिक्षा दी जाएगी.

मिशन शक्ति
यूपी में मिशन शक्ति के तहत उच्च शिक्षा में नौ दिनों तक इस विशेष अभियान के तहत महाविद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेश के 6,349 कॉलेजों के 5,57,383 छात्र छात्राओं और 1,46,177 शिक्षकों ने मिशन शक्ति के तहत महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन से जुड़ी शपथ ली. मार्शल आर्ट की ऑनलाइन और ऑफलाइन कार्यशाला में 3007 कॉलेजों की 4,46,355 छात्राओं को प्रशिक्षित किया गया. निबंध, पोस्टर, स्लोग्न और क्विस्ट प्रतियोगिता में 2,57,407 छात्राओं ने हिस्सा लिया. शारीरिक स्वास्थ्य वर्धन व पोषण जागरूकता कार्यक्रम में 2,731 कॉलेजों के 2,42,036 छात्राओं और 14,364 शिक्षकों ने प्रतिभाग लिया. लैंगिक समानता, घरेलू हिंसा से सुरक्षा, पॉक्सो एक्ट, महिला हेल्पलाइन से जुड़ी वेबिनार में 2,986 कॉलेजों में 1,783 विषय विशेषज्ञों ने 3,13,996 छात्राओं को इन मुद्दों से जुड़ी जानकारी दी गई.

विशेष कार्याधिकारी एवं राज्य संपर्क अधिकारी, एनएसएस, उच्च शिक्षा विभाग के अंशुमालि शर्मा ने बताया कि मिशन शक्ति के तहत वासंतिक सभी महाविद्यालय में लैंगिक समानता, घरेलू हिंसा से सुरक्षा, पॉक्सो और महिला हेल्पलाइन से जुड़े मुद्दों पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. एनएसएस के जरिए कॉलेजों में प्रतियोगिताओं और वेबिनार के माध्यम से छात्राओं को जागरूक किया जाएगा.

(इनपुट- एजेंसी भाषा)

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