राजस्थान: NSUI ने कृषि बिल के खिलाफ PM मोदी का फूंका पुतला, कहा...
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राजस्थान: NSUI ने कृषि बिल के खिलाफ PM मोदी का फूंका पुतला, कहा...

जयपुर में कुकरखेड़ा अनाज मंडी पर एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया और बिल को वापस लेने की मांग की गई.

कांग्रेस की छात्र संगठन एनएसयूआई ने कृषि बिल का विरोध किया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जयपुर: केंद्र सरकार के तीन कृषि अध्यादेश के विरोध में कांग्रेस (Congress) का छात्र संगठन एनएसयूआई (NSUI) भी उतर गया है. एनएसयूआई की ओर से प्रदेशभर की अनाज मंड़ियों पर विरोध प्रदर्शन किया गया और बिल को वापस लेने की मांग की गई. जयपुर में कुकरखेड़ा अनाज मंडी पर एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया और बिल को वापस लेने की मांग की गई.

इस दौरान एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का पुतला दहन किया गया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां किसानों के विरोध में है और इसे वापस नहीं लिया जाता है तो एनएसयूआई का प्रदर्शन जारी रहेगा. बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस इस बिल का लगातार विरोध कर रही है. इससे पहले सोमवार को पीसीसी (PCC) चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotsara) ने इन कानूनों को काला कानून बताते हुए वापस लेने की मांग की.

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि इन विधेयकों के जरिए सरकार किसान की जमीन कॉरपोरेट के हाथों सौंपना चाहती है. उन्होंने कहा कि अगर यह बिल पूरी तरह लागू हुए तो सरकार देश के किसान को मजदूर बना देगी. डोटासरा ने कहा कि बीजेपी के जो लोग इस कानून की पैरवी कर रहे हैं वे तो नोटबंदी (Demonitisation) और जीएसटी (GST) को भी सही बता रहे थे. लेकिन देश की जनता उससे भी परेशान हुई थी. इसके साथ ही पूर्व मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) के बयान का जिक्र करते हुए डोटासरा ने बीजेपी से पूछा कि क्या अब बीजेपी की सोच देश के किसानों के प्रति बदल गई है?

इधर, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने गुपचुप तरीके से केंद्र की तरफ से कानून लाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों से छलावा कांग्रेस कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. हरीश चौधरी ने इन कानूनों के जरिए एमएसपी (MSP) की व्यवस्था को और कमजोर होने की आशंका भी जताई है.

हरीश चौधरी ने कहा कि सिर्फ अडानी और अंबानी जैसे बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार की तरफ से यह कोशिश की गई है. चौधरी ने कहा कि किसान को मजदूर से भी बदतर हालात में धकेलने की कोशिश केंद्र सरकार कर रही है.

वहीं, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार ने तानाशाही और जुल्म की इंतहा कर दी है. खाचरियावास ने कहा कि जब जब अन्नदाता पर किसी सरकार ने हमला किया है, तो उस सरकार को जाना पड़ा है. खाचरियावास ने कहा कि केंद्र यह समझ ले कि जुल्म और आतंक के जरिए वे बिल पास करा सकते हैं, लेकिन किसान का दिल नहीं जीत सकते. खाचरियावास ने कहा कि अब देश का किसान, मजदूर, व्यापारी और विद्यार्थी सब एक होकर केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ेंगे. 

 

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