महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने कहा कि मुद्दों पर बोलने की आजादी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘जो भी आवाज उठाने की कोशिश करता है, उसके खिलाफ ‘गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम UAPA के तहत मामला दर्ज कर लिया जाता है.
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श्रीनगर: पीडीपी सुप्रीमो और जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में ऐसा तंत्र बनाने की कोशिश की जा रही है जहां लोकतंत्र के लिए कोई जगह नहीं है. महबूबा ने रविवार को कहा कि चुनाव कश्मीर समस्या का हल नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र की सरकार जिला विकास परिषद (DDC) चुनावों के नाम पर 'लोकतंत्र की हत्या' कर रही है.
After we decided to participate in #DDCElection, the degree of oppression has increased in Jammu & Kashmir. Candidates of PAGD are confined & are not allowed to go out for campaigning. How candidates will contest if they are not allowed to canvass?: PDP chief Mehbooba Mufti pic.twitter.com/BBnvE2G1Ny
— ANI (@ANI) November 29, 2020
पाकिस्तान से बातचीत क्यों नहीं: महबूबा
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'अगर हम चीन (China) से बातचीत कर रहे हैं, जिसने हमारी जमीन ले ली है, तो पाकिस्तान के साथ क्यों नहीं? उन्होंने मुद्दे के हल के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत पर जोर दिया. पूर्व सीएम ने ये भी कहा कि क्या यह मुस्लिम देश होने के नाते ऐसा हो रहा है, क्योंकि अब सब चीजें सांप्रदायिक हैं.’ गौरतलब है कि सूबे की पुलिस ने हिजबुल मुजाहिदीन के साथ कथित संबंधों को लेकर पीडीपी युवा इकाई के प्रमुख वहीद पारा को गिरफ्तार किया था. इसके बाद पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री को पुलवामा जिले में वहीद पारा के आवास पर जाने से रोक दिया था. वहीं महबूबा मुफ्ती को शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने की अनुमति नहीं दी गयी थी.
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सुरक्षा बलों की तैनाती पर ऐतराज
महबूबा ने अपने गुपकर स्थित निवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘चुनाव कश्मीर समस्या का कोई हल नहीं है. दोनों देशों के बीच बातचीत होनी चाहिए. महबूबा मुफ्ती ने शनिवार के मतदान प्रतिशत के महत्व के बारे में पूछे जाने पर कहा कि पहले भी मतदान प्रतिशत ज्यादा होते रहे हैं, लेकिन यह कश्मीर मुद्दे का हल नहीं है. उन्होंने कहा, ‘यहां लगभग नौ लाख सुरक्षा बल हैं. किस अन्य राज्य के असैनिक क्षेत्रों में इतनी तादाद में सुरक्षा बल हैं? यदि अनुच्छेद 370 (निरस्त) ने सभी मुद्दों का हल कर दिया है, तो अब भी कश्मीर में सेना क्यों तैनात है? उन्हें सीमा पर जाना चाहिए था?’
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PDP को बनाया गया निशाना
पीडीपी सुप्रीमो ने ये भी कहा कि गठबंधन उम्मीदवारों को DDC चुनावों में स्वतंत्र रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं थी. उन्होंने आरोप लगाया, 'हमारे लोगों के पास सुरक्षा नहीं है. उन्हें अपने घरों तक सीमित कर दिया गया है और उन्हें चुनाव अभियान चलाने की अनुमति नहीं है, वहीं भाजपा के उम्मीदवार स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं. क्या यह देश भाजपा के एजेंडे पर चलेगा?'
UAPA के दुरुपयोग का आरोप
महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने कहा कि मुद्दों पर बोलने की आजादी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘जो भी आवाज उठाने की कोशिश करता है, उसके खिलाफ ‘गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम UAPA के तहत मामला दर्ज कर लिया जाता है. यहां जो हो रहा है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.’ केंद्र से नाराज महबूबा ने आगे कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे हिरासत में लिए जाने के बाद, चुनाव आयोग और अन्य अधिकारियों ने कहा कि मैं हिरासत में नहीं हूं. यह बताता है कि जम्मू कश्मीर में क्या हो रहा है.’
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'रोशनी' घोटाला नहीं गरीबों की योजना!
उन्होंने रोशनी मुद्दे पर कहा कि यह कोई घोटाला नहीं है बल्कि गरीबों के लिए एक योजना है. उन्होंने कहा, ‘असल घोटाला चुनावी बांड है. उन्हें इसकी जांच करने दीजिए. अगर भाजपा भूमि कब्जा के मुद्दे पर इतनी गंभीर है, तो उसे बड़े लोगों को पकड़ना चाहिए, न कि उन गरीबों को, जिनके पास अपनी पांच मरला जमीन भी नहीं है. गरीबों को नोटिस भेजे जा रहे हैं. ऐसा ही एक नोटिस मेरे पास भी है.’