भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने आय से अधिक मामले में धरा, एकसाथ खरीदे थे 7 किलो सोने-चांदी के जेवरात
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नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश में एक चपरासी के पास 100 करोड़ रुपए से ऊपर की संपत्ति मिली है. जांच में उसके पास 18 प्लॉट, 50 एकड़ खेत, 7.70 लाख रुपए कैश, बैंक खातों में 20 लाख रुपए, दो किलो सोना और एक करोड़ रुपए की एलआईसी पॉलिसी मिली है. उसने जितने भी रेजिडेंशियल प्लॉट खरीदे उनमें कोई भी 250 स्क्वायर यार्ड से कम नहीं है. जांच अफसर उसकी संपत्ति देखकर हैरान हैं. के नरसिम्हा रेड्डी नेल्लोर डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के दफ्तर में आफिस सबऑर्डिनेट कम अटेंडेंट पद पर तैनात है. उसकी पगार 40 हजार से कम है. जब उसने 18वां प्लॉट खरीदा तब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) का ध्यान इस सौदे पर गया. हालांकि ब्यूरो उसके खिलाफ पहले से जांच कर रहा था, जब उसने विजयवाड़ा के एक शोरूम से सात किलो से ज्यादा चांदी और सोने के आभूषण एकसाथ खरीदे.
ज्यादातर प्लॉट पत्नी व रिश्तेदार के नाम पर
मंगलवार को जब रेड्डी के घर पर छापा पड़ा तब एसीबी को अन्य संपत्ति की जानकारी हुई. इसमें 18 प्लॉटों की रजिस्ट्री उसकी पत्नी व रिश्तेदारों के नाम मिली. नरसिम्हा रेड्डी 1984 से सरकारी सेवा में है. उस समय उसकी पगार 650 रुपए थी. 34 साल की नौकरी में वह उसी दफ्तर में तैनात रहा जहां भर्ती हुई थी. एक अफसर ने बताया कि दफ्तर में उसकी हैसियत इतनी है कि कोई फाइल बिना उसके चाहे हिलती तक नहीं. हर बार जब भी प्रमोशन होता तब वह उसे मना कर देता क्योंकि उसको घूस से काफी इनकम हो रही थी. न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक रेड्डी ने 1992 से प्लॉट खरीदना शुरू किया और बीते 10 साल में सोने और चांदी में भी अपनी काली कमाई का ज्यादातर हिस्सा लगाया. उसने नेल्लोर सिटी में पॉश इलाके में 3300 स्क्वायर फुट का दो मंजिला पेंटहाउस खरीदा है. उसके 18 आवासीय प्लॉटों और 50 एकड़ खेत की कीमत 100 करोड़ रुपए से अधिक है.
एमपी में 22 करोड़ की संपत्ति का मालिक है एक चौकीदार
इससे पहले मध्य प्रदेश के इंदौर में लोकायुक्त छापे में लोकनिर्माण विभाग के टाइमकीपर के करोड़पति होने का खुलासा हुआ था. इस चौकीदार की कुल सैलरी 22 हजार रुपये थी और संपत्ति 22 करोड़ रुपये की निकली. लोकायुक्त पुलिस के दल ने शुक्रवार सुबह टाइमकीपर गुरु कृपाल सिंह के तिलकनगर स्थित आवास पर दबिश दी. सिंह के पास 14 मकान, 20 एकड़ जमीन, 15 लाख का घरेलू सामान होने का पता चला है. इसके साथ ही सिंह के कई स्थानों पर आवास व भूखंड होने के भी दस्तावेज मिले हैं. बड़ी मात्रा में सोने चांदी के जेवरात भी मिले हैं. बताया गया है कि सुबह जब लोकायुक्त का दल सिंह के घर पहुंचा तो उसने दरवाजा नहीं खोला. इस पर लोकायुक्त को दरवाजा खुलवाने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ी.