घरेलू हिंसा केस में फंसे जज के परिजनों की अग्रिम जमानत याचिका को मिली अनुमति
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घरेलू हिंसा केस में फंसे जज के परिजनों की अग्रिम जमानत याचिका को मिली अनुमति

मुंबई की एक अदालत ने उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश के परिवार के तीन सदस्यों को घरेलू हिंसा (domestic Violence) के एक मामले में शनिवार (17 अक्टूबर) को अग्रिम जमानत याचिका की अनुमति दे 

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुंबई: मुंबई की एक अदालत ने उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश के परिवार के तीन सदस्यों को घरेलू हिंसा (domestic Violence) के एक मामले में शनिवार (17 अक्टूबर) को अग्रिम जमानत याचिका की अनुमति दे दी. उच्च न्यायालय के दिवंगत पूर्व न्यायाधीश अशोक अग्रवाल के बेटे आशीष की पत्नी ने उत्पीड़न की शिकायत की थी जिसके बाद अग्रवाल की पत्नी अनिता और उनके बेटों नवल और आशीष के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था.

  1. न्यायधीश की बहू ने लगाया था घरेलू हिंसा का आरोप
  2. शिकायतकर्ता ने कहा, कई बार करते थे पैसों की मांग
  3. पैसों के लिए जज के तीन सदस्यों पर लगे उत्पीड़न के आरोप

ससुराल वालों पर लगा बहू से 30 लाख रुपय देने का आरोप
आरोपियों के विरुद्ध मुंबई के वर्ली पुलिस थाने में मामला दर्ज होने के बाद पिछले महीने दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका को सत्र न्यायाधीश एम ए बरेलिया द्वारा अनुमति दी गई. शिकायतकर्ता ने आशीष से 2014 में शादी की थी और उसका दावा है कि ससुराल वालों ने दक्षिण मुंबई में एक कार्यालय स्थापित करने के लिए उसके पिता से 30 लाख रुपये की मांग की.

शिकायतकर्ता का आरोप है कि उससे कई मौकों पर पैसे की मांग की गई और इसके लिए उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. अनिता, नवल और आशीष के अनुसार उन पर गलत आरोप लगाया गया है.

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