महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट गहराया, अजीत पवार बोले- इतने कम समय में समर्थन की चिट्ठी नहीं दे पाएंगे
अजीत पवार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की यहां की लीडरशिप फैसला ले ले और उसके बारे में सेंट्रल लीडरशिप को फोन पर बता दे. ऐसा करके भी बातचीत हो सकती है.
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नई दिल्ली/मुंबई : महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट गहराता नजर आ रहा है और राष्ट्रपति शासन के आसार दिख रहे हैं. एनसीपी को राज्यपाल भगतसिंह कोशियारी द्वारा सरकार बनाने के लिए आज साढ़े 8 बजे तक का समय दिया गया है और अभी तक कांग्रेस की तरफ से समर्थन के लिए हामी नहीं भरी गई है. ऐसे में एनसीपी विधायक दल के नेता अजीत पवार ने बेहद नाराजगी जताते हुए कहा कि राज्यपाल ने सभी विधायकों के नाम, उनका क्षेत्र और उनका सिग्नेचर मांगा है, जो इनते कम समय मे संभव नही हैं. राज्यपाल को इतने कम समय में समर्थन की चिट्ठी सौंपना मुश्किल है. ऐेसे में बहुमत जुटाने के बाद ही सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा.
अजीत पवार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की यहां की लीडरशिप फैसला ले ले और उसके बारे में सेंट्रल लीडरशिप को फोन पर बता दे. ऐसा करके भी बातचीत हो सकती है. उन्होंने यह भी का कि अगर राष्ट्रपति शासन लग भी जाता है, तब भी हमारे पास 145 का आकड़ा होता है. ऐसे में हम राज्यपाल के पास जाएंगे और सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. पवार ने कहा कि एनसीपी की पूरी तैयारी है. बस कांग्रेस पार्टी की तरफ से पत्र नहीं आया. कांग्रेस पार्टी में अभी भी मंथन का दौर जारी है.
शिवसेना (Shiv Sena) को समर्थन देने के मुद्दे पर मंथन के लिए कांग्रेस (Congress) के तीन वरिष्ठ नेताओं के शरद पवार से मिलने के लिए मुंबई आने की चर्चा के बीच महाराष्ट्र (Maharashtra) कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता माणिकराव ठाकरे के बयान पर शरद पवार की पुत्री और एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने उनके बयान पर यहां तक कह डाला कि मैं माणिकराव ठाकरे को नहीं जानती. कांग्रेस पार्टी के समर्थन के लिए हम सीधे पार्टी आलाकमान से बात करेंगे. इस तरह एनसीपी और कांग्रेस के बीच भी मतभेद उभरते दिख रहे हैं.
वहीं, एनसीपी के विधायक दल नेता अजीत पवार ने भी शिवसेना को समर्थन देने और राज्य में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के राजी होने को लेकर कहा कि हमने साथ-साथ चुनाव लड़ा है. पूरा दिन हमने कल उनकी राह देख रहे थे, लेकिन चिट्ठी उनकी नहीं मिली. सरकार में स्टैबलिटी होनी चाहिए. हमनें सभी बातें की हैं. कल शाम 7.30 बजे तक हमें उनकी चिट्ठी नहीं मिली. जो भी निर्णय होगा, जब साथ मिलकर ही करेंगे.
दरअसल, शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर मंथन के लिए कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेता शरद पवार से मिलने के लिए मुंबई जाने वाले थे लेकिन इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माणिकराव ठाकरे ने बयान देते हुए कहा, ''कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आज मुंबई नहीं आएंगे. अब कांग्रेस नेताओं की एनसीपी मुखिया शरद पवार के साथ मुलाकात दो दिन बाद संभव है.''
उल्लेखनीय है कि गवर्नर ने सरकार गठन के लिए बीजेपी, शिवसेना के बाद आज शाम साढ़े आठ बजे तक का वक्त एनसीपी को दिया है. लेकिन बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के मद्देनजर सूत्रों के मुताबिक ऐसा लगता है कि एनसीपी को सरकार गठन संबंधी दावे के लिए कांग्रेस का समर्थन पत्र मिलना मुश्किल है. इस कारण यदि कांग्रेस से समर्थन पत्र नहीं मिलता है तो एनसीपी सूत्रों के मुताबिक पार्टी सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी.
इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि एनसीपी की समयसीमा खत्म होने के बाद सरकार गठन के लिए राज्यपाल कांग्रेस को बुधवार रात साढ़े आठ बजे तक का वक्त दे सकते हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी.
इन वजहों से बदलते घटनाक्रम को देखकर लगता है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के आसार हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि गवर्नर के दिए वक्त को देखते हुए कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना के बीच बात नहीं बन पा रही है.