राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या मामले को घृणित और शर्मनाक करार देते हुए इसकी भर्त्सना की.
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जम्मू/गुवाहाटी: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या मामले को घृणित और शर्मनाक करार देते हुए इसकी भर्त्सना की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह किसी भी समाज की पहली जिम्मेदारी है कि वह बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश अब भी महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों का सामना कर रहा है.
उन्होंने कहा कि ऐसे अपराध की घटनाएं सिर्फ एक नया कानून बनाने से नहीं रूकेंगी बल्कि इस तरह के अपराधों को खत्म करने के लिए पुरुषों की मानसिकता में बदलाव की जरूरत है. रियासी जिले के ककरियाल में श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमें इस बात पर आत्मचिंतन करने की जरूरत है कि “ हम कैसा समाज विकसित कर रहे हैं. ” उन्होंने कहा कि बच्चों के खिलाफ हिंसा मानवता के लिए बहुत चिंतित करने वाली बात है और बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए एक दृढ़ निश्चय की जरूरत
राष्ट्रपति ने कहा , “ आजादी के 70 साल बाद भी देश में इस तरह की घटनाओं का होना शर्मनाक है. हम सभी को सोचना होगा कि हम कहां जा रहे हैं. हम कैसा समाज विकसित कर रहे हैं. हम अपनी आने वाली पीढी़ को क्या दे रहे हैं. ” उन्होंने कहा , “ मुझे लगता है कि बच्चों की मुस्कुराहट दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज होती है. हमारे समाज की सबसे बड़ी सफलता होगी कि हम अपने बच्चों को सुरक्षित महसूस करा सकें.
यह किसी भी समाज की पहली जिम्मेदारी है कि वह बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करे ताकि वह सुरक्षित महसूस कर सकें. ” नायडू ने गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में कहा , “ यह देश, आजादी के 70 साल बाद भी इस तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं. जब मामले होते हैं तो हम लोग परेशान हो जाते हैं और उसके बाद भूल जाते हैं. ” उन्होंने कहा, “ सिर्फ एक विधेयक लाना काफी नहीं है.
अकेले सिर्फ एक विधेयक की जरूरत नहीं है बल्कि राजनीतिक इच्छा शक्ति , सामाजिक बुराई को समाप्त करने की कुशलता और पुरुषों की मानसिकता में बदलाव की जरूरत है. ” राष्ट्रपति ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में बच्चे गंभीर अपराधों का शिकार बन रहे हैं. कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची के नृशंस सामूहिक बलात्कार और हत्या का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा , “ हाल ही में एक बच्ची एक घृणित और नृशंस अपराध की शिकार हुई जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. ”
उन्होंने पूछा , “ क्या हम ऐसा समाज विकसित कर रहे हैं जहां हमारी मां - बहनों और बेटियों को संविधान में दिए गए न्याय , बराबरी और स्वतंत्रता के अधिकार मिल रहे हैं. ” राष्ट्रपति ने देशभर में बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक संकल्प लेने को कहा. कोविंद ने कहा , “ यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि यह ( कठुआ बलात्कार और हत्या जैसे मामले ) हमारी किसी बहन या बेटी के साथ नहीं हो. ”
उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा व्यवस्था वह है जो हर विद्यार्थी को अच्छा इंसान बनाए, एक ऐसा इंसान जिसमें दूसरों के लिए संवेदनशीलता और सम्मान हो. जो अच्छा इंसान होगा वह यदि डॉक्टर बनेगा तो एक अच्छा डॉक्टर साबित होगा, अगर इंजीनियर बनेगा तो बेहतर इंजीनियर साबित होगा. दीक्षांत समारोह में 882 छात्रों को विभिन्न उपाधियां प्रदान की गयीं. इनमें 439 स्नातक, 427 परास्नातक, 16 पीएचडी और 26 पदक शामिल हैं.
इनपुट भाषा से भी