रेलवे ने इस दिशा में खास पहल की है. इसके लिए उन्होंने Plan Bee बनाया है. इस पहल के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. केंद्रीय पीयूष गोयल ने एक वीडियो शेयर कर इस प्लान की सफलता के बारे में बताया है.
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नई दिल्ली : देश के पूर्वोत्तर हिस्से में आए दिन ट्रेन की चपेट में आने से हाथियों की मौत की खबरें हमें सुनने को मिलती रहती हैं. ये खबरें और आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं, क्योंकि देश के कुछ ही राज्य ऐसे हैं, जहां हाथियों की आबादी बची हुई है. लेकिन हर साल इनमें से कई हाथी ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं. लेकिन अब रेलवे ने इस दिशा में पहल की है. इसके लिए उन्होंने Plan Bee बनाया है. खुशी की बात ये है कि इस पहल के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. केंद्रीय पीयूष गोयल ने एक वीडियो शेयर कर इस प्लान की सफलता के बारे में बताया है.
दरअसल "Plan Bee" के तहत रेलवे ने मधुमक्खियों का सहारा लिया है. रेलवे ने हाथियों को ट्रेन हादसों से बचाने के लिए "Plan Bee" के तहत रेलवे-क्रासिंग पर ऐसे ध्वनि यंत्र लगाए हैं, जिनसे निकलने वाली मधुमक्खियों की आवाज से हाथी रेल पटरियों से दूर रहते हैं और ट्रेन हादसों की चपेट में आने से बचते हैं. इसे रोकने के लिए नॉर्थइस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) ने पिछले साल 'Plan Bee' अपनाया था.
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रेल मंत्री पीयूष गोयल ने जो वीडियो शेयर किया है, उसके मुताबिक रेलवे-क्रॉसिंग पर ऐसे ध्वनि यंत्र लगाए हैं, जिनसे निकलने वाली मधुमक्खियों की आवाज से हाथी रेल पटरियों से दूर रहते हैं. ध्वनि यंत्रों से मधुमक्खियों की भनभनाहट जैसी जो आवाज निकलती है, उसे हाथी 600 मीटर दूर से ही सुन सकते हैं.
रेलवे ने हाथियों को ट्रेन हादसों से बचाने के लिए "Plan Bee" के तहत रेलवे-क्रासिंग पर ऐसे ध्वनि यंत्र लगाए हैं जिनसे निकलने वाली मधुमक्खियों की आवाज से हाथी रेल पटरियों से दूर रहते हैं और ट्रेन हादसों की चपेट में आने से बचते हैं। pic.twitter.com/VtEbv6LCgt
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 7, 2018
पिछले साल लोकसभा में सरकार ने एक सवाल के जवाब में जानकारी दी थी कि 2014 से 2016 के दौरान रेलवे ट्रैक पर 35 हाथियों की मौत हुई. 2017 में जुलाई तक ऐसे हादसों में 5 हाथियों की मौत हुई थी.