व्यंजनों में राजस्थानी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, दक्षिण भारतीय व्यंजनों के साथ दूध और कई तरह से शेक, फल, अनाज से बने पारंपरिक भारतीय व्यंजनों का भोग लगाया गया.
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जयपुर: गोवर्धन के दिन छोटीकाशी के अलग अलग मंदिरों में अन्नकूट प्रसादी भगवान को ग्रहण करवाई जाती है,लेकिन अक्षरधाम मंदिर में अन्नकूट की प्रसादी बिल्कुल अनूठी होती है. अमूमन विशेष झांकियों में मंदिरों में 56 भोग की झांकियां सजाई जाती है लेकिन अक्षरधाम मंदिर में गोर्वधन के दिन 801 से भी ज्यादा व्यंजनों का भगवान को भोग लगाया जाता है.
गोर्वधन पूजा का दिन हो और कोई श्रद्धालु अक्षरधाम मंदिर की तरफ ना खिचा चला आए. ऐसा संभव नहीं है. क्योंकि आज के दिन अक्षरधाम मंदिर में स्वामीनारायण भगवान को 56 भोग नहीं, बल्कि 801 तरह के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. स्वामी नारायण मंदिर में भगवान को भोग लगाने के बाद अक्षरधाम मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रसादी ग्रहण करवाई जाती है. अन्नकूट महोत्सव के अवसर पर देश के उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम के विभिन्न प्रकार के 801 भारतीय व्यंजनों का भोग ठाकुर जी को अर्पित किया गया. मंदिर के कोठारी राजेश्वर स्वामी, अन्य संतों और हरिभक्तों के सानिध्य में ठाकुर जी को भोग अर्पण किया गया.
व्यंजनों में राजस्थानी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, दक्षिण भारतीय व्यंजनों के साथ दूध और कई तरह से शेक, फल, अनाज से बने पारंपरिक भारतीय व्यंजनों का भोग लगाया गया. इसके अलावा विदेशी व्यंजन जैसे पास्ता, केक, नूडल्स भी झांकी में आकर्षक तरीके से सजाए गए. जो श्रद्धालु पहली बार अक्षरधाम मंदिर में आए, वो इस मनमोहक झांकी को देखकर हैरान रह गए. क्योंकि इससे पहले उन्होंने किसी भी मंदिर में 56 भोग की झांकी की देखी थी, लेकिन यहां तो ठाकुरजी के दरबार में इतने पकवान थे,कि उन्हें अंगुलियों पर गिना ही नहीं जा सकता था.
वाकई अक्षरधाम मंदिर जिनके भी स्वामीनारायण भगवान की मनमोहन झांकी को देखा वो देखता ही रह गया. इस अद्भुत दृश्य के दर्शन करने के बाद श्रद्धालु भगवान की अविस्मरणीय झांकी को अपने कैमरे में कैद करना नहीं भूल रहे थे.