राजस्थान में 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधान सभा सत्र से पहले राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदलने लगा है.
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पोरबंदर: राजस्थान में 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले भाजपा के छह विधायक शनिवार को गुजरात के पोरबंदर पहुंचे. चार्टर्ड उड़ान से यहां आए एक विधायक ने कहा कि राजस्थान से भाजपा के और विधायक गुजरात पहुंचेंगे. भाजपा विधायक निर्मल कुमावत ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार विपक्षी विधायकों को डरा धमका रही है.
उन्होंने कहा कि विधायक मानसिक शांति के लिए सोमनाथ में दर्शन करने आए हैं. कुमावत ने कहा, “कांग्रेस में गुटबाजी होने के चलते पिछले एक महीने में राजस्थान में राजनीतिक उठापटक चल रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बहुमत हासिल नहीं है. वह विशेष अभियान समूह (एसओजी) और विभागीय छापेमारी करवा कर भाजपा विधायकों पर दबाव बना रहे हैं और डरा धमका रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “यह देखते हुए हमने मानसिक शांति के लिए सोमनाथ के दर्शन करने का निर्णय लिया. हम यहां खुद को कांग्रेस की सरकार से बचाने आए हैं.” उन्होंने कहा कि भाजपा शीर्ष नेतृत्व के आदेश पर कुछ और विधायक गुजरात आएंगे. एक अन्य विधायक ने कहा कि गुजरात में उनका दो दिन तक रुकने का इरादा है.
राजनाथ से मिलीं वसुंधरा
राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने शनिवार को नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. समझा जाता है कि दोनों नेताओं के बीच राजस्थान के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई.
राजे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में हैं. उन्होंने शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और पार्टी के संगठन महासचिव बी एल संतोष से भी मुलाकात की थी. हालांकि इन मुलाकातों के दौरान वसुंधरा की पार्टी नेताओं से क्या चर्चा हुई, इस पर आधिकारिक रूप से कोई सूचना नहीं दी गई है.
वसुंधरा की ये मुलाकातें इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती हैं क्योंकि पिछले महीने से शुरू हुए राजनीतिक संकट के दौरान वह जयपुर में हुई भाजपा की बैठकों से अलग रही हैं और उन्होंने पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साधे रखी.
कांग्रेस में कलह
गौरतलब है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस के कुछ अन्य विधायकों के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बागी रुख अपनाने के कारण राजस्थान में पिछले कुछ हफ्तों से राजनीतिक उठापटक चल रही है. कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पदों से हटा दिया था.
राजस्थान विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से आरंभ हो रहा है. संभावना है कि गहलोत इस दौरान विश्वास मत का प्रस्ताव ला सकते हैं. जानकारों का मानना है कि गहलोत के पास संख्याबल है और वे बहुमत साबित करने को लेकर आश्वस्त हैं.
भाजपा का एक वर्ग कांग्रेस के बागी विधायकों के समर्थन से गहलोत सरकार को गिराना चाहता है लेकिन सूत्रों की मानें तो वसुंधरा इसके पक्ष में नहीं हैं.
(इनपुट: एजेंसी भाषा)
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