राजस्थान: PHED के 2 करोड़ के प्रोजेक्ट में भष्ट्राचार, सरकारी लैब क्वालिटी टेस्ट हुए फेल
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राजस्थान: PHED के 2 करोड़ के प्रोजेक्ट में भष्ट्राचार, सरकारी लैब क्वालिटी टेस्ट हुए फेल

घासीराम गोयल कॉन्ट्रेक्टर कंपनी को मार्च 2018 में टंकी के निर्माण का टैंडर दिया गया था, जो टंकी के निर्माण में रेडिमेड कंक्रीट डलवा रहा था. अब विभाग की कमेटी जांच कर रही है. 

फाइल फोटो

जयपुर: जयपुर में जलदाय विभाग के इंजीनियर्स घटिया काम करवाकर कॉन्ट्रेक्टर्स को मुनाफा पहुंचाने का काम कर रहे हैं. राजधानी के ढेहर के बालाजी पेयजल स्कीम में दो करोड़ की लागत से बनाई जा रही पानी की ओवरहेड टंकी क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गई है लेकिन ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए विभाग के इंजीनियर्स फिर से कंक्रीट टेस्ट करवा रहे हैं.

सबसे बड़ी बात ये है कि टंकी के निर्माण क्वालिटी की जांच सरकारी लैब नेशनल टेस्ट हाउस में फेल हो गई, लेकिन अब ठेकेदार फर्म घासीराम गोयल कॉन्ट्रेक्टर कंपनी के बचाव के लिए जिम्मेदार इंजीनियर फिर से एमएनआई से जांच करवा रहे हैं जबकि नियम ये कहते हैं कि टेस्ट में फेल हो चुके सैंपल के बाद निर्माण को तोड़कर दोबारा बनाया जाना चाहिए. एक्सईएन पवन गोयल, तत्कालीन एईएन महेंद्र वर्मा और जेईएन सांवरमल ढाका की देखरेख में टंकी का निर्माण करवाया जा रहा था, लेकिन अब घटियां सामग्री के बाद काम को रोक दिया गया है. इस टंकी से 20 कॉलोनियों की करीब 80 हजार आबादी को पेयजल सप्लाई होनी है.

स्कीम का काम ठेकेदार फर्म घासीराम गोयल कॉन्ट्रेक्टर कंपनी कर रही है. टंकी की क्वालिटी खराब होने से अब अगली गर्मियों में भी लोगों को प्रेशर से बीसलपुर का पानी नहीं मिल पाएगा. जिम्मेदार एक्सईएन पवन अग्रवाल इस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है लेकिन विभाग के एडिशनल चीफ इंजीनियर देवराज सोलंकी का कहना है कि टेस्टिंग में सैंपल फेल हो गए है. जल्द ही एमएनआईटी से रिपोर्ट आएगी, उसके बाद में स्थिति पूरी तरह से साफ हो पाएगी.

घासीराम गोयल कॉन्ट्रेक्टर कंपनी को मार्च 2018 में टंकी के निर्माण का टैंडर दिया गया था, जो टंकी के निर्माण में रेडिमेड कंक्रीट डलवा रहा था. अब विभाग की कमेटी जांच कर रही है. अब कमेटी की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. ओवरहैड टंकी बनाने वाली जगह को लेकर कोर्ट में विवाद चल रहा था. इसलिए ठेकेदार कंपनी ने पेमेंट उठाने के लिए पहले पाइपलाइन का काम करवा दिया. ठेकेदार ने ओवरहैड टंकी का काम शुरू करवा दिया, लेकिन विभाग के इंजीनियरों की मिलीभगत से कंक्रीट मौके के बजाए दूसरी कंपनी से रेडीमिक्स कंक्रीट मंगवाया. कंक्रीट मेटेरियल की क्यूब टेस्टिंग की रिपोर्ट आने से पहले ही टंकी के पिलर, कर्व दीवार और डोम का निर्माण करवा दिया. अब लाखों रुपए का काम होने का दबाव बना कर दोबारा क्वालिटी टेस्ट करवाया जा रहा है.

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