राजस्थान: डेढ़ साल से दलित परिवार को नहीं मिला न्याय, मांगी इच्छा मृत्यु
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राजस्थान: डेढ़ साल से दलित परिवार को नहीं मिला न्याय, मांगी इच्छा मृत्यु

करीब डेढ़ साल से न्याय के लिए भटकता एक दलित परिवार सोमवार को सचिवालय की गेट पर पहुंचा और इच्छा मृत्यु की मांग की है.

जयपुर के सचिवालय गेट पर दलित परिवार.

जयपुर: अपनी बेटियों से छेड़छाड़ का जब विरोध किया तो दबंगों ने एक दलित परिवार(Dalit Family)के व्यक्ति के हाथ पांव तोड़ दिए और परिवार को गांव छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया. यही नहीं पीड़ित पिता जब गांव छोड़कर दूसरे गांव में रहने लगा दो दबंगों का कहर फिर भी कम नहीं हुआ. करीब डेढ़ साल से न्याय के लिए भटकता एक दलित परिवार सोमवार को सचिवालय की गेट पर पहुंचा और इच्छा मृत्यु(Wish Death) की मांग की है.

50 साल का महाराज सिंह जाटव अपनी पत्नी औऱ तीन बच्चों के साथ सचिवालय के स्वागत कक्ष के बाहर हाथों में तख्ती लिखे इच्छा मृत्यु की मांग की. परिवार तख्तियां लेकर दिन भर बैठा रहा, लेकिन किसी सरकारी नुमाइंदे ने उनकी सुध नहीं ली.

भरतपुर(Bharatpur) के बयाना तहसील के सेउपुरा मजरा शाहपुर निवासी महाराज सिंह पुत्र सुखाराम ने बताया कि 21 जून 2018 को मेरी बेटी स्कूल जा रही थी, इस दौरान बीच में गांव के ही युवकों ने बेटियों के साथ छेड़छाड़ की. बच्चियों ने जब घर आकर इस बात की जानकारी दी तो हमने उनके परिजनों को इस बारे में शिकायत की तो बाद में युवकों ने मेरे साथ मारपीट की और मेरे हाथ पैर तोड़ दिए. इसको लेकर थाने में एफआईआर(FIR) दर्ज करवाई गई लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्यवाही नहीं होने से अपराधियों के हौसले बढ़ते गए और मुझे अभी भी धमकियां दी जाती रही हैं. कई बार उनके रिश्तेदारों ने भी आकर धमकाया, जिसके चलते मुझे गांव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. दूसरे गांव में जाकर हमने शरण ली और आज एक तंबू में रहकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं.

घटना के करीब डेढ़ साल में पीड़ित परिवार की ओर से मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त, पुलिस अधीक्षक, जिला कलेक्टर, उप जिला कलेक्टर, सांसद, विधायक, मुख्य न्यायाधीश सभी को शिकायत दी गई लेकिन न्याय नही मिला. पीड़ित परिवार को मिल रही धमकियों के चलते उन्होंने इच्छा मृत्यु की मांग की है.

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