जयपुर: उद्योग विभाग हर जिले में शुरू कर रहा स्कूल, मिलेगी उद्यमी बनने की ट्रेनिंग
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जयपुर: उद्योग विभाग हर जिले में शुरू कर रहा स्कूल, मिलेगी उद्यमी बनने की ट्रेनिंग

प्रदेश का उद्योग महकमा (Industries Department) अभी तक केवल उद्योग लगाने में मदद करता हैं, लेकिन अब यह उद्योग का बेहतरी से कैसे संचालन करें इसकी पाठशाला भी लगाएगा.

राजस्थान के उद्योग आयुक्त डॉ केके पाठक. (फाइल फोटो)

जयपुर: प्रदेश का उद्योग महकमा (Industries Department) अभी तक केवल उद्योग लगाने में मदद करता हैं, लेकिन अब यह उद्योग का बेहतरी से कैसे संचालन करें इसकी पाठशाला भी लगाएगा.

उद्योग विभाग ने निवेश और उद्यमिता के सर्वद्वन के लिए एमआईएफसी के रुप में यह पाठशाला संचालित होगी. इसमें उद्योग से जुड़ी सभी जानकारियां एक मंच पर मिलेगी. सभी 33 जिलों में उद्योग केंद्रों के माध्यम से यह केंद्र संचालित होंगे. इसका एमएसएमई (MSME Sector) सेक्टर पर खासा फोकस हैं.

उद्यमी बनने का सपना हो सकता है हकीकत
अगर आप उद्यमी बनने के सपने देखते हैं, अपनी सोच के साथ कोई उद्यम खड़ा करना चाहते तो उद्योग विभाग आपके सपने को हकीकत में बदलने के साथ खड़ा होगा. 

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मिलेगी कई सुविधाएं
विभाग आपका मेंटर बनकर संबंधित उद्योग की संभावनाओं, सरकारी मंजूरियों (Government Approvals), परेशानियों, सावधानियों और बाजार की जरुरतों को विशेषज्ञों (Experts) के जरिए आपके निकटवर्ती क्षेत्र में जानकारी देगा. यह होगा उद्योग विभाग की पाठशाला के कांसेप्ट से. इसके लिए उन सेक्टर को भी प्रमुखता दी जाएगी, जो हमारी दिनचर्या का हिस्सा हैं. उद्योग विभाग अब युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर उद्यमी बनाएगा. 

हर जिले में शुरू होगी पाठशाला
उद्योग विभाग प्रत्येक जिले में ऐसी पाठशाला शुरू करने जा रहा हैं. इसका लाभ उद्यमिता विकास में मिलेगा. प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा हैं, जल्द ही मंजूरी के बाद लागू होगा.

दी जाएगी ट्रेनिंग
राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों (Engineering College), प्रबंधन संस्थानों (Managment Institutes) व तकनीकी संस्थानों (Technical Institutes) में बारी बारी से एक दिवसीय उद्यम पाठशाला का आयोजन कर अध्ययनरत युवाओं को उद्यम लगाने या अपना कारोबार शुरु करने के भी गुर सिखाएगा. 

आधा दर्जन जिले में शुरू होंगे केंद्र
पहले चरण में प्रायोगिक तौर पर आधा दर्जन जिला उद्योग केंद्रों पर ऐसे केंद्र शुरू होंगे. उद्योग विभाग ने शुरआती तौर पर 14 ऐसे लक्ष्य तय किए हैं, जिनको पाठशाला के जरिए अंजाम तक पहुंचाया जाएगा. 

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दी जाएगी हर तरह की जानकारियां
उद्योग आयुक्त डॉ केके पाठक का कहना हैं कि इसका मकसद यहीं हैं कि प्रदेश में जो कारोबार शुरू हो, उसकी सफलता सौ प्रतिशत रहे. निवेशक सुरक्षित और सफल रहे. 

इन उद्यमिता पाठशाला केंद्रों में वह तमाम जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगीं जो किसी भी उद्यम को शुरू करने से पहले किसी निवेशक को होनी चाहिए. छोटे छोटे सेक्टर के उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन देने की पहल हैं. 

योजना के तहत नए स्टार्टअप्स के संचालन, ब्रांडिंग और मॉर्केटिंग का ज्ञान, पंजीयन, लाइसेंस, पेंटेंट, ट्रेडमॉर्क, कॉपीराइट, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं, कर्ज उपलब्धता, मेंटरिंग, तकनीकी सहयोग में दी मदद की जाएगी.

उद्योग विभाग का यह कांसेप्ट उन पिछड़े जिलों में भी औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा, जहां जानकारी के अभाव में सरकारी उद्यमिता प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ लेने वालों की संख्या कम हैं. 

प्रशिक्षण में विशेषज्ञों, विभागीय अधिकारियों, सफल उद्यमियों, गैर सरकारी संगठनों (Non Government Organisation), भारत सरकार (Indian Government) के विभिन्न संस्थानों के अधिकारियों की मदद ली जाएगी. राजस्थान(Rajasthan) में जिला उद्योग केंद्रों की उपयोगिता भी ऐसे केंद्रों से बढ़ेंगी.

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