राजस्थान में अब प्राइवेट कॉलेज खोलना होगा आसान, सरकार ने लागू की नई नीति
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राजस्थान में अब प्राइवेट कॉलेज खोलना होगा आसान, सरकार ने लागू की नई नीति

प्रदेश की कांग्रेस सरकार (Rajasthan Government) ने नई निजी महाविद्यालय(Private Colleges) नीति 2020-21 में कालेजों को बड़ी राहत दी है.

शास्ति राशि में भी 50 फीसदी की बड़ी छूट दी है. (प्रतीकात्मक फोटो)

जयपुर: प्रदेश की कांग्रेस सरकार (Congress Government) ने नई निजी महाविद्यालय (Private Colleges) नीति 2020-21 में कालेजों को बड़ी राहत दी है. इस दौरान सरकार ने कॉलेजों की भूमि सीमा(Land Limit) को घटाया है.

निजी महाविद्यालयों के लिए उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) की ओर से नीति 2020-21 लागू कर दी गई है और इस बार निजी महाविद्यालय नीति में सरकार की ओर से निजी महाविद्यालयों को बड़ी राहत दी गई है. चाहे बात संविलयन की हो या फिर भूमि की सीमा की छूट की. 

निजी कॉलेजों को सरकार दे रही राहत
निजी महाविद्यालयों को बढ़ावा देने साथ ही उनको राहत देने का काम सरकार की ओर से किया गया है. ऐसे में पिछले कई सालों से जहां निजी महाविद्यालयों और कॉलेजों पर सरकार ने लगाम कसने का काम किया तो वहीं अब कांग्रेस सरकार निजी महाविद्यालयों और कॉलेजों को राहत देती हुई नजर आ रही है.

शास्ति राशि में दी जा रही छूट
प्रदेश सरकार की जारी निजी महाविद्यालय नीति 2020-21 में निजी महाविद्यालयों को बड़ी राहत देते हुए भूमि की सीमा को घटाया गया है. वहीं शास्ति राशि में भी 50 फीसदी की बड़ी छूट दी है.

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जानिए उच्च शिक्षा मंत्री की क्या है राय
निजी महाविद्यालय नीति 2020-21 को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी का कहना है कि "प्रदेश में लगातार भूमि की कमी हो रही है. साथ ही कम भूमि पर अच्छे भवन का निर्माण हो सके साथ ही बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके. इसको लेकर सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. साथ ही निजी महाविद्यालय और कॉलेज से भी इस संबंध में बात की गई. शिक्षाविदों की राय के बाद ही इस नीति को बनाकर लागू किया गया है.''

उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि एनओसी को लेकर भी समयबद्ध तरीके से ही काम किया जाएगा. किसी भी कॉलेज संस्थान द्वारा आवेदन लगा दिए जाते हैं. लेकिन उनमें क्या कमियां है जिसकी वजह से मान्यता नहीं मिलती. अब ऐसी कमियां रहने पर संबंधित संस्थान को सूचित किया जाएगा और समय पर कमियों को पूरा कर सके. जिसके चलते मान्यता मिलने में कोई समस्या ना हो सके. साथ ही महाविद्यालयों और कॉलेजों को अपने स्टाफ और विद्यार्थियों की संख्या को सूचना पट्ट पर चस्पा करना होगा. जिसके सरकार और विभाग को उस संस्थान की पूरी जानकारी रहे."

उन्होंने कहा कि कमियों को लेकर जो शिकायत आ रही है. उनको पूरा करने का काम किया जाएगा. प्रदेश में नये संस्थान खुलने भी चाहिए. लेकिन उनकी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सरकार को कदम उठाने पडेंगे. एक क्वालिटी और गुणवत्ता के साथ इस नीति को लागू करने का प्रयास किया गया है.

जानिए नई निजी महाविद्यालय नीति 2020-21 के प्रमुख प्रावधान
1- संविलयन- एक ही समिति द्वारा संचालित एक से अधिक महाविद्यालय जो एक ही विश्व विद्यालय से संबद्धता प्राप्त हो, उन्हें संविलयन की अनुमति दी गई

2- टीएसपी क्षेत्र में स्थिति पर कमीपूर्ति अभाव में आरोपित सत्र 2020-21 के लिए सिक्योरिटी राशि में 50 फीसदी की छूट

3- विकास प्राधिकरण वाले जिले-अजमेर व जोधपुर में भूमि मापदंड 4 हजार वर्गमीटर से कम करते हुए 2 हजार वर्गमीटर किया गया. साथ अन्य संभाग स्तर पर भूमि मापदंड 4 हजार वर्ग मीटर से कम करते हुए 3 हजार मीटर किया गया,

4- किराये के भवन में कक्षा-कक्षों व प्रयोगशालाओं हेतु निर्धारित आकार में ग्रामीण क्षेत्र में 50 प्रतिशत व शहरी क्षेत्र में 30 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई

5- अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने की समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए कैलेंडर जारी

6- कमिपूर्ति करने की सूचना के लिए एसएमएस सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी

7- विद्यार्थी हित में कौशल उन्नयन कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश

8- पारदर्शिता के लिए फीस चार्ट व संकाय सदस्यों की सूचना महाविद्यालय वेबसाइट व महाविद्यालय सूचना पट्ट पर लगाना अनिवार्य होगा

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