मरुधरा का लाल राजेंद्र सिंह कश्मीर घाटी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद, मातम
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मरुधरा का लाल राजेंद्र सिंह कश्मीर घाटी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद, मातम

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में शनिवार को आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ में 6 आतंकी मार गिराए गए. जबकि इस दौरान राजस्थान का रहने वाला एक जवान शहीद हो गया.

जैसलमेर के रहने वाले थे शहीद नायक राजेंद्र सिंह.

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में शनिवार को आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ में 6 आतंकी मार गिराए गए. जबकि इस दौरान राजस्थान का रहने वाला एक जवान शहीद हो गया. शहीद जवान, नाइक राजेंद्र सिंह(27), मोहनगढ़, जैसलमेर, राजस्थान(Rajasthan) के रहने वाले है.

जम्मू कश्मीर में आतंकियों और सेना की मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए नायक राजेंद्र सिंह(Rajendra Singh)जैसलमेर के मोहनगढ़ के निवासी थे और वे सेना के 22 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे. 

शनिवार सुबह सेना को एक जानकारी मिली थी कि जम्मू-कश्मीर के रामबन इलाके में एक परिवार को तीन आतंकियों ने बंधक बना लिया है. जिस पर सेना ने कार्रवाई करते हुए सभी बंधकों को मुक्त करवाया और मुठभेड़ में तीनों आतंकी मार गिराए गए. मुठभेड़ के दौरान जैसलमेर निवासी नायक राजेंद्र सिंह शहीद हो गए.

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जानकारी के अनुसार शहीद राजेंद्र सिंह के पिता भी सेना में थे और कुछ वर्ष पूर्व भी उनके माता-पिता दोनों का देहांत हो चुका है. उनके परिवार में उनकी पत्नी ,1 साल का लड़का और दो छोटे भाई हैं. उनके दोनों भाई मोहनगढ़ में प्राइवेट नौकरी करते हैं. शहीद के अंतिम संस्कार को लेकर अबतक सेना की ओर से अधिकृत जानकारी नही मिली है.

सैन्य सूत्रों की माने तो रविवार को जम्मू से शाहिद का शव रवाना किया जायेगा और देर शाम तक जैसलमेर पंहुचेगा और सम्भवतः रविवार शाम या सोमवार सुबह शहीद का अंतिम संस्कार होगा.

हालांकि लांस नायक राजेन्द्र सिंह के शहीद होने की सूचना अब तक उनके परिवार को नही मिली है लेकिन उनके गांव मोहनगढ़ में इस बात की जानकारी है ओर मोहनगढ़ के लोगों का कहना है कि यह जानकारी परिवार को सुबह दी जाएगी ताकि परिवार की रात आराम से गुजर सके.

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राजस्थान का लाल शहीद
शहीद जवान की पहचान राजेंद्र सिंह (27) के तौर पर हुई है. वह राजस्थान के मोहनगढ़ जैसलमेर के रहने वाले थे. जवान के शहीद होने की खबर गांव में पहुंचते ही कोहराम मच गया. परिवार में पत्नी जमाना कंवर पति के शहीद होने की खबर सुनकर बेसुद हो गईं. 

बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में शनिवार को दो अलग-अलग मुठभेड़ों में चार आतंकी मार गिराए गए. पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यह पहली बड़ी कार्रवाई थी. जम्मू संभाग के रामबन जिले के बटोत में 10 घंटे चली मुठभेड़ में किश्तवाड़ में आतंक के पर्याय बने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी ओसामा समेत तीन दहशतगर्द ढेर किए गए. ऑपरेशन के दौरान मरूधरा का लाल शहीद हो गया. एक अन्य जवान घायल भी है. 

सुरक्षाबलों के 'ऑपरेशन त्रिशक्ति' के दौरान यह घटना हुई. इसके साथ ही मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में एक आतंकी का सुरक्षा बलों ने काम तमाम किया. माना जा रहा है कि यह पाकिस्तानी आतंकी था. मारे गए चारों आतंकियों से हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है.

शनिवार को रामबन जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर ठौर इलाके में लोगों ने कुछ हथियारबंद लोगों को देखा, जो आने-जाने वाले वाहनों को रुकने का इशारा कर रहे थे. शक के आधार पर लोगों ने पुलिस और सेना को इसकी सूचना दी. इस दौरान वहां से गुजर रही सेना की रोड ओपनिंग पार्टी (गश्ती दल) को भी इसकी जानकारी मिली.

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उन्होंने वाहन को रोक आसपास के लोगों से इसकी जानकारी ली. तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर ग्रेनेड से हमला कर दिया.इससे मौके पर अफरा-तफरी गच गई. इसका फायदा उठाते हुए आतंकी नीचे की ओर घने जंगल में भाग गए.जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उनका पीछा किया.

इस बीच सैन्य कर्मियों पर हमले की खबर मिलने के बाद मौके पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी पहुंचे. पूरे इलाके में सर्च आपरेशन चलाया गया. इसके बाद सुरक्षा बलों को बटोत कस्बे में आतंकियों के मौजूद होने और एक परिवार को बंधक बनाने की सूचना मिली. इसके बाद मौके पर बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती कर दी गई. पूरे गांव को घेर लिया गया. आसपास के घरों में रहने वाली महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया.

जवानों की बड़ी संख्या में आवाजाही देखते हुए घर में छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी.जवाबी कार्रवाई के दौरान घर के अंदर मौजूद एक आतंकी को मार गिराया गया.ज बकि दो ने भागने के दौरान जान गंवाई .आतंकियों की फिलहाल शिनाख्त ओसामा, नवीद और हारून के रुप में हुई है. फिलहाल पुलिस की ओर से इसकी अभी पुष्टि नहीं हो पाई है.

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