राजकोट में पकड़ा गया शातिर अपराधी, विदेश में लाखों की नौकरी का सपना दिखा करता था ठगी
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राजकोट में पकड़ा गया शातिर अपराधी, विदेश में लाखों की नौकरी का सपना दिखा करता था ठगी

गुजरात की राजकोट पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो अखबारों में विज्ञापन देकर लोगों को अपना शिकार बनाता था.

200 से ज्यादा लोगों के साथ इस शख्स ने 20 लाख से भी ज्यादा की धोखाझड़ी की है

रक्षित पंड्या/नियति त्रिवेदी, राजकोट: गुजरात की राजकोट पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो अखबारों में विज्ञापन देकर लोगों को अपना शिकार बनाता था. पुलिस की गिरफ्त में आया वह शख्स अखबारों के जरिए विदेश में मॉल और रेस्टोरेंट में नौकरी का झांसा देकर युवक-युवतियों को अपनी जाल में फंसाता था. पुलिस जांच में पता चला है कि दो से ढाई लाख की तनख्वाह देने की लालच दिखाकर 200 से ज्यादा लोगों के साथ इस शख्स ने 20 लाख से भी ज्यादा की धोखाझड़ी की है.
 
200 लोगों के साथ कर चुका है फ्रॉड
राजकोट पुलिस की गिरफ्त में आए इस शख्स का नाम है विक्रम उर्फ राहुल उर्फ रोहित अजीत कुमार टेलर उर्फ राहुल. इस शख्स पर आरोप है कि इसने कई बेरोजगार युवकों के साथ लाखों रुपयों का फ्रॉड किया है. राजकोट क्राइम ब्रांच में बुधवार को रोहित रामप्रताप चौधरी नाम के व्यक्ति ने शिकायत दर्ज करवाई थी. उसके साथ रोहित उर्फ विक्रम टेलर नाम के व्यक्ति ने कनाडा के मॉल में नौकरी देने की लालच दी और नगद और एटीएम मिलाकर 21 हजार रुपये लेकर फोन स्वीच ऑफ कर लिया. इस फ्रॉड की पुलिस में शिकायत दर्ज होने पर राजकोट क्राइम ब्रांच की टीम ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर जांच शुरू की थी. पुलिस को पेट्रोलिंग के दौरान आरोपी मिला और उसने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने करीब 200 लोगों के साथ 20 लाख का फ्रॉड किया है. इस मामले में पुलिस अभी और ज्यादा जांच कर रही है.

पिछले दो साल से दे रहा था ऐसे गुनाह को अंजाम
पुलिस के मुताबिक आरोपी पिछले 2 साल से ऐसे गुनाह को अंजाम दे रहा था. बताया जा रहा है कि आरोपी विक्रम मूल रुप से अहमदाबाद का है. वह न्यूज पेपर में कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में मॉल और रेस्टोरेंट में दो से ढाई लाख रुपये की  नौकरी देने का इस्तेहार देता था. बेरोजगार लोग इस्तेहार देखकर आरोपी से संपर्क करते थे. उसके बाद लुभाने वाली स्कीम देकर वह उनके पास से आधार कार्ड, बैंक, एटीएम और नगद रुपये मांगता था. वह लोगों को खुद को एंबेसी एजेंट बताता था. इसी वजह से लोग उसका भरोसा कर लेते थे और वीजा फॉर्म (कंसल्टेंट इमिग्रेशन फी) के 10 से 12 हजार रुपये बैंक में डिपोजिट करवा देते थे. पुलिस जांच में पता चला है कि एक बार पैसे डिपॉजिट हो जाने के बाद वह अपना मोबाइल और सिमकार्ड बदल डालता था.

पहले भी दर्ज हो चुका है गुनाह
पुलिस के मुताबिक आरोपी विक्रम ने अब तक 8 के करीब एटीएम से पैसे लिए हैं. आरोपी के गुनाहों का इतिहास भी पुराना रहा है. इससे पहले भी आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस 2014 में दर्ज हो चुका है. जिसके तहत उस वक्त उसे 15 दिन की जेल भी हुई थी. उसके बाद वह जेल से बाहर आ गया था. उसके बाद आरोपी को पता चला कि एंड्रॉयड फोन के आधार पर पुलिस लोकेशन डिटेक्ट कर लेती है इसलिए आरोपी सादे फोन का ही इस्तेमाल करता था. फ्रॉड को अंजाम देने के बाद सादा फोन और सिमकार्ड वह फेंक देता था. इतना ही नहीं वह सिम कार्ड भी बेरोजगार युवकों के आधार कार्ड से ही खरीदता था. इसलिए ताकि खुद कोई गुनाह में पकड़ा जाए तो सिमकार्ड किसी और ही के नाम दिखता था. लेकिन आखिरकार वह पुलिस के फंदे में चढ़ ही गया.

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