J&K: 30 साल से वीरान था ये मंदिर, विरासत को सहेजने का काम शुरू
यह मंदिर कश्मीरी पंडितों के पलायन के बाद पिछले 30 वर्षों से आतंकवाद के खतरे के चलते खंडहर बना हुआ था. लेकिन अब पर्यटन विभाग ने इसकी ऐतिहासिक छवि को बहाल करने के लिए मंदिर की मरम्मत का कार्य शुरू कराया है.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के श्रीनगर में झेलम नदी के तट पर बने सदियों पुराने रघुनाथ मंदिर (Raghunath Temple) में जीर्णोद्धार का कार्य शुरू होगा है. यह मंदिर कश्मीरी पंडितों के पलायन के बाद पिछले 30 वर्षों से आतंकवाद के खतरे के चलते खंडहर बना हुआ था. लेकिन अब पर्यटन विभाग ने इसकी ऐतिहासिक छवि को बहाल करने के लिए मंदिर की मरम्मत का कार्य शुरू कराया है.
बताया जाता है यह मंदिर करीब 300 वर्ष पूर्व बना था. इसके बाद वर्ष 1860 में डोगरा महाराजा रणबीर सिंह ने मंदिर में जीर्णोद्धार का कार्य कराते हुए एक भव्य मंदिर के रूप में स्थापित किया था. लेकिन 1990 की शुरुआत के साथ ही घाटी में आतंवाद की भी शुरुआत हो गई. जिस कारण सालों से वहां रह रहे पंडितों को कश्मीर से पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. तभी से ये मंदिर भी वीराना हो गया था.
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मंदिर में आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई थी, जिस कारण मंदिर काफी हद तक क्षतिग्रस्त हो गया. लेकिन अब सरकार मंदिर को वापस एक भव्प रूप देकर इसे वापस शुरू करना चाहती है. अधिकारियों के अनुसार, मंदिर के रेनोवेशन कार्य में करीब 43 लाख से अधिक रुपये लगेंगे और अगले कुछ महीनों के भीतर ही ये काम पूरा हो जाएगा. जिसके बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर को पहले की तरफ खोल दिया जाएगा.
स्मार्ट सिटी योजना के तहत पुराने धर्म स्थलों को फिर से आबाद करने की मुहिम के तहत ये कार्य शुरू किया गया है. इस वक्त श्रीनगर में रेनोवेशन के ऐसे तीन प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिसमें रघुनाथ मंदिर, डालगेट में चर्च और श्रीनगर के डाउनटाउन शहर क्षेत्र में एक मस्जिद शमिल है. अधिकारियों के अनुसार, मंदिर या चर्च को उसी तरह पुन: निर्मित किया जाएगा जैसा वे पहले हुआ करते थे.
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