शिवसेना के मुखपत्र सामना के शुक्रवार के संपादकीय में एक बार फिर केन्द्र की मौजूदा मोदी सरकार पर निशाना साधा गया है
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र के प्रमुख राजनीतिक दल शिवसेना के मुखपत्र सामना के शुक्रवार के संपादकीय में एक बार फिर केन्द्र की मौजूदा मोदी सरकार पर निशाना साधा गया है. इस बार उद्धव ठाकरे ने सामना में सिद्धू और डॉ. अब्दुल्ला के बहाने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है. सामना के शुक्रवार के अंक के संपादकीय का शीर्षक है, सिद्धू, डॉ. अब्दुल्ला और हम सभी!
सिद्धू को बोला महामूर्ख
सामना ने सिद्धू को महामूर्ख कहा है. सामना के संपादकीय में कहा गया है कि 'महामूर्ख सिद्धू पाकिस्तान जाकर वहां के सेनाप्रमुख के गले मिला.' सामना संपादकीय में आगे लिखा गया है कि 'पाकिस्तान के साथ राजनीतिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक आदि जो कुछ भी होगा वो और क्रिकेट तो बिल्कुल ही नहीं, ऐसी हमारी नीति है. भाजपा जैसे दलों को यह मंजूर नहीं होगा तो ऐसा वे घोषित करें.'
कश्मीर के हाल के लिए केन्द्र की सरकारों को बताया जिम्मेदार
सामना में आगे केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा गया है कि 'सिद्धू ने पाकिस्तान जाकर जो गोबर खाया है, उसे बाहर निकालकर वही गोबर कांग्रेस के मुंह पर पोतने से सवाल हल होने वाला है क्या? क्योंकि कश्मीर में जो हिंसाचार, आतंकवाद और अलगाववाद बढ़ रहा है, उसके लिए अकेले सिद्धू जिम्मेदार नहीं बल्कि केंद्र की सभी सरकारें जिम्मेदार हैं.'
की गई है डॉ. फारुख अब्दुल्ला की प्रशंसा
इसके अलावा सामना के संपादकीय में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारुख अब्दुल्ला की प्रशंसा भी की गई है. सामना में लिखा है, 'अटल बिहारी वाजपेयी की दिल्ली में हुई शोकसभा में डॉ. फारूख अब्दुल्ला ने 'भारत माता की जय' तथा 'जय हिंद' का नारा दिया इसलिए बकरीद के दिन उनके साथ श्रीनगर में धक्का-मुक्की की गई, उन पर चप्पल फेंके गए. यह कृत्य करने वाले सभी लोग पाक प्रेमी हैं और सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं. सिद्धू के पाक प्रेम का विरोध करने वालों को डॉ. अब्दुल्ला पर हुए हमले का भी विरोध करना चाहिए था.'
केन्द्र सरकार पर साधा निशाना
सामना में एक बार फिर विभिन्न मुद्दों पर केन्द्र सरकार को घेरते हुए लिखा गया है, 'राम मंदिर, धारा-370, समान नागरिक कानून, पाकिस्तान आदि मुद्दे सिर्फ चुनावी जुमले बन गए हैं. इन जुमलों की पालकी 2019 तक ढोते रहने दो.'