तिरुवनंतपुरम: सबरीमाला मुद्दे को लेकर राज्य में भाजपा और आरएसएस पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने कहा कि उनकी सरकार ‘डराने-धमकाने’ से डरने वाली नहीं है. भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में कहा था कि राज्य में एलडीएफ की सरकार को निलंबित करके राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए. इस टिप्पणी के बाद विजयन की यह प्रतिक्रिया आई है. दुबे ने केरल में हिंसा का मुद्दा लोकसभा में उठाते हुए कहा था कि राज्य की मौजूदा माकपा सरकार ‘हत्या की राजनीति’ अपनाती है और कई भाजपा कार्यकर्ता इसके शिकार हो चुके हैं.
यहां संवाददाताओं से बात करते हुए विजयन ने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा, हिंसा होती है और राज्य सरकार इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ दिनों से भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने मीडिया और राजनीतिक पार्टियों के कार्यालयों सहित सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचायी और हिंसा की.
केरल में दो जनवरी से बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क गई थी क्योंकि माहवारी उम्र वाली दो महिलाओं ने सबरीमला मंदिर में प्रवेश किया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि हड़ताल के दौरान निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश लाने का निर्णय लिया है. विजयन ने कहा, ‘‘ सबरीमला में श्रद्धालु दर्शन के लिए आने लगे हैं, जो दिखाता है कि कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है. '
पुलिस ने एक विज्ञप्ति में बताया कि केरल में भड़की हिंसा के संबंध में अब तक 2,182 मामले दर्ज किए गए हैं और आज दोपहर तक 6,711 लोगों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार किए गए लोगों में से 5,817 लोगों को जमानत दे दी गई और 894 लोगों को रिमांड पर भेज दिया गया.
इनपुट भाषा से भी