पिछले 40 वर्षों से रक्तदान कर रहे हैं कश्मीर के शब्बीर अहमद, बचाई सैकड़ों जिंदगियां
Advertisement
trendingNow1540156

पिछले 40 वर्षों से रक्तदान कर रहे हैं कश्मीर के शब्बीर अहमद, बचाई सैकड़ों जिंदगियां

पुराने शहर केकवंगरपुर इलाके के निवासी शब्बीर के पास रहने के लिए भले ही दो कमरों का मिट्टी का मकान हो मगर उसका दिल किसी समंदर से कम बड़ा नहीं है.

1980 के दशक में तब रक्तदान करने का फैसला किया, जब उनके मित्र एक दुर्घटना का शिकार हुए और रक्त ना मिलने के कारण उनकी मौत हो गई.
1980 के दशक में तब रक्तदान करने का फैसला किया, जब उनके मित्र एक दुर्घटना का शिकार हुए और रक्त ना मिलने के कारण उनकी मौत हो गई.

कश्मीर: 55 साल के शब्बीर अहमद खान के घर में भले ही पुरस्कारों की अलमारी नहीं सजी हो मगर कश्मीर के हर कोने में वह किसी ना किसी के लिए पुरस्कार साबित हुए हैं. घाटी में जितने अस्पताल या हेल्थ सेंटर हैं, वे सभी शब्बीर से परिचित हैं. दरअशल, शब्बीर अहमद खान ने 1980 से अब तक 165 बार रक्तदान करके एक मिसाल कायम की है. रक्तदान का महत्व अक्सर कश्मीर जैसे संघर्ष क्षेत्रों में महसूस किया जाता है, जहां भारी दुर्घटना के कारण कभी-कभी ब्लड बैंक में खून की कमी हो जाती है. 

पुराने शहर केकवंगरपुर इलाके के निवासी शब्बीर के पास रहने के लिए भले ही दो कमरों का मिट्टी का मकान हो मगर उसका दिल किसी समंदर से कम बड़ा नहीं है. वह हमेशा जरूरतमंदों के लिए रक्तदान करने के लिए तैयार रहते हैं. पेशे से मजदूर खान कहते हैं कि रक्तदान सबसे कीमती उपहार माना जाता है, आपके रक्त दान करने का निर्णय कई जीवन बचा सकता है. इस शख्स ने 1980 के दशक में तब रक्तदान करने का फैसला किया, जब उनके मित्र एक दुर्घटना का शिकार हुए और रक्त ना मिलने के कारण उनकी मौत हो गई. 

तब खान से फैसला किया कि वो ज़रूरतमंदों के लिए जीवन भर रक्तदान करते रहेंगे. तब उन्होंने यह सफर अकेले ही शुरू किया था, मगर आज इसके साथ करीब 2100 वॉलंटियर जुड़े हैं. शब्बीर कहते हैं, "मैं मानव सेवा के लिए रक्तदान कर रहा हूं." वह कहते हैं कि ऐसे लोग भी हैं जो घाटी के दूर-दराज के इलाकों से आते हैं और उनके पास ऐसा कोई नहीं है जो उन्हें रक्तदान करे. इससे उनको मदद मिलती है. 

Trending news

;