किसानों की आत्महत्या पर दुख जताते हुए शरद पवार ने कहा कि 'किसान की आत्महत्या जैसे गंभीर मामले को दरकिनार करना अच्छी बात नही है. 25 सितंबर को देशव्यापी आन्दोलन है, जिसमें उनकी पार्टी किसानों के हित की आवाज उठाएगी.'
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मुंबई: देश के पूर्व कृषि मंत्री और एनसीपी के मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) ने मराठा आरक्षण से लेकर देश के किसानों की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. पवार ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरते हुए संसद में पास हुए बिल और विपक्ष के सांसदों के निलंबन पर भी नाराजगी जताई और उन सांसदों के आंदोलन में शामिल होने का ऐलान किया.
शरद पवार ने कहा कि कृषि विधेयक को लेकर चर्चा करना जरूरी था, लेकिन सरकार ने चर्चा नही करते हुए मतदान किया. वहीं राज्यसभा उपाध्यक्ष पर भी उन्होने निशाना साधते हुए कहा कि उपाध्यक्ष ने सदस्यों की बात नही सुनी, इसलिए उनमें नाराजगी थी. जल्दबाजी में कोई निर्णय लेना ठीक नही होता इसलिए सांसदों के निलंबन का फैसला गलत है.
किसान आंदोलन को समर्थन
किसानों की आत्महत्या पर दुख जताते हुए शरद पवार ने कहा कि 'किसान की आत्महत्या जैसे गंभीर मामले को दरकिनार करना अच्छी बात नही है. 25 सितंबर को देशव्यापी आन्दोलन है, जिसमें उनकी पार्टी किसानों के हित की आवाज उठाएगी.' तीन महीने से एक सुसाइड की बात चल रही है वहीं दूसरे मुद्दों की अनदेखी करना भी सही नही है.
राष्ट्रपति शासन की संभावना खारिज
एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन क्यों लागू करना चाहिए? यहां किसी भी तरह से राष्ट्रपति शासन लागू करने या होने की कोई भी जरूरत नही है.
प्याज को लेकर केंद्र से सवाल
एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि सुप्रिया ने सदन के सामे पार्टी और अपनी भूमिका खिल कर रखी. केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर बंदी क्यूं की गई? सरकार के फैसले से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. किसानों में इसको लेकर नाराजगी है. यानी एक तरफ प्याज बाजार खुला रखा है,दूसरी तरफ प्याज के निर्यात पर पाबन्दी आखिर क्यों लगाई गई?
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50 साल के करियर का हवाला
पवार ने कहा कि उन्होने अपनी जीवन के 50 साल से अधिक वक्त संसद में बिताया है. हमने अपनी भूमिका रखी है सदन में इसलिए उन्होने भी राज्यसभा सदस्यों की तरह एक दिन का अन्न त्याग करने का एलान किया.
आरक्षण पर पवार के विचार
मराठा आरक्षण को लेकर पवार ने कहा कि राज्य सरकार की भूमिका स्पष्ट है विधानसभा में जो फैसला लिया वो कोर्ट में मजबूती से टिकना चाहिए. उन्होने कहा कि 'इस विषय पर उनकी कानून और संविधान के जानकारों से बात हुई है. वहीं धनगर समाज के आरक्षण को लेकर हमारा समर्थन है और यह भूमिका हमारी पहले से है.'
शिवसेना ने राज्यसभा मे विरोध करने की भूमिका रखी यह सबने देखा है. शिवसेना ने सभागृह में क्या किया मुझे नही पता ,मैं वहां उस समय मौजूद नहीं था.
गौरतलब है कि जब बीजेपी के देवेंद्र फड़नवीस राज्य के सीएम थे तब अक्टूबर 2019 में उन्होने एनसीपी प्रमुख पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि 'महाराष्ट्र के किसानों की आत्महत्या शरद पवार का पाप है.'
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