शिवसेना की दलील है कि अयोध्या मुद्दा और 370 जैसे दो मुद्दों का हल निकलने का यह इसका ये मतलब नहीं कि शिवसेना ने हिंदुत्व मुद्दा छोड दिया है।
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मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena), कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP )की गठबंधन सरकार का रास्ता करीब-करीब साफ हो गया है. कांग्रेस और शिवसेना शिवसेना पर दवाब बना कर काफी हद तक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम से उग्र हिंदुत्व को दूर रखने में कामयाब रही है लेकिन अब भी कुछ मुद्दे हैं जिन असहमति कायम है.
जिन कुछ मुददों पर कांग्रेस एनसीपी से शिवसेना का टकराव हो सकता है उनमें कामन सिविल कोड, एनआरसी को लागू करने, बालासाहेब का भव्य स्मारक और पाकिस्तान विरोधी पार्टी एजेंडे पर बरकरार है.
शिवसेना की दलील है कि अयोध्या में श्रीराम राम मंदिर और जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 जैसे दो अहम हिंदुत्व मुद्दों का हल पहले ही निकल चुका है. फिर भी इसका ये मतलब नहीं कि शिवसेना ने हिंदुत्व मुद्दा छोड दिया है.
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बता दें प्रदेश मे सियासी उठापटक के बीच सरकार गठन के लिए शिवसेना, कांग्रेस और एन.सी.पी कई कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (CMP) बनाते पर सहमत हो गए हैं.
इसमें शिवसेना की सियासत का आधार रहे हिंदुत्व के मुद्दे को बाहर कर दिया गया है.
कामन मिनीमम प्रोग्राम में किसानों की कर्जमाफी से लेकर किसानों के मुद्दोँ पर फोकस किया गया है. जैसे किसानों के पूरे कर्ज की माफी, किसानों की फसलों की बीमा पॉलिसी नए सिरे से प्रभावी ढंग से लागू करने. किसानों की बिजली बिजल में राहत देने जैसे मुद्दे शामिल हैं.