सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे शरद पवार, महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर तय होगी रणनीति
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि कांग्रेस अकेले कोई फैसला नहीं ले सकती. एनसीपी चीफ शरद पवार और कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे.
Trending Photos

नई दिल्ली: महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार गठन की कवायद के बीच एनसीपी (NCP) चीफ शरद पवार (sharad pawar) दिल्ली आकर कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी (sonia gandhi) से मुलाकात करेंगे. यह मुलाकात 17 नवंबर रविवार को होगी. दोनों नेता राज्य में सरकार गठन पर चर्चा करेंगे.
कांग्रेस (congress) के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि कांग्रेस अकेले कोई फैसला नहीं ले सकती. एनसीपी चीफ शरद पवार और कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी 17 नवंबर को एक मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे. खड़गे ने कहा, दोनों नेता तय करेंगे की इस समस्या का समाधन कैसे करें. इसके बाद ही बाकी की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. जब दोनों नेता एक साथ बैठकर चर्चा.
इससे पहले शुक्रवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा था कि प्रस्तावित शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार का गठन जल्द होगा और यह अपना कार्यकाल पूरा करेगी. पवार ने कहा, 'तीनों पार्टियां गंभीरता से राज्य में स्थिर सरकार चाहती हैं जो न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत राज्य की प्रगति और विकास पर टिकी होगी.'
Mallikarjun Kharge, Congress: Once they both sit and discuss, only then will the political strategy be prepared. That will be followed and implemented. #MaharashtraGovtFormation https://t.co/IXgfWxRZTR
— ANI (@ANI) November 15, 2019
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में तीनों पार्टियां लगातार वार्ता कर अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार कर रही है और अंतिम रोडमैप उसके बाद ही तैयार होगा. पवार ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि सरकार बनाने को लेकर उनकी भारतीय जनता पार्टी से किसी तरह की बातचीत हुई है या इस मामले में कुछ कॉरपोरेट घरानों का दबाव है.
पवार ने कहा, "हम केवल कांग्रेस, शिवसेना और गठबंधन के अन्य साथियों के साथ वार्ता कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ नहीं, तीनों पार्टियों के प्रतिनिधि न्यूनतम साझा कार्यक्रम मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए मुलाकात कर रहे हैं."
यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना अपने हिंदुत्व एंजेंडे और उसी तरह कांग्रेस-राकांपा अपने धर्मनिरपेक्ष विचारधार के साथ समझौता करेगी, इस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस-राकांपा ने हमेशा धर्मनिरपेक्षता की बात की है, 'लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी के विरुद्ध हैं.'
More Stories