कुछ लोगों की जगह-जगह थूकने की आदत को देखते हुए नागपुर के युवाओं ने एक ऐसा प्रोडक्ट बनाया है, जिसे थूकने के लिए इस्तेमाल करने के बाद जेब में रखा जा सकता है.
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नई दिल्ली : साफ-सफाई को लेकर प्रधानमंत्री से लेकर आम आदमी तक खास मुहिम में जुटा हुआ है. साफ-सफाई की इस मुहिम में सबसे बड़ी चुनौती है Spitting यानी थूकना या पीकना. सड़क-चौराहे हैं या कोई सार्वजनिक स्थान, यहां तक की अस्पताल या देवालय तक में आप 'यहां ना थूकिए' के बोर्ड लेगे देखें होंगे, लेकिन थूकने वालों पर इस चेतावनी का कोई असर नहीं होता दिखाई देता और बड़ी-बड़ी इमारतों की दीवार भी रंगी हुई दिखाई देती है. हालांकि कुछ लोग थूकने के लिए थूकदान या पीकदान का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अक्सर ऐसे लोगों का तर्क होता है कि ज्यादातर जगह पीकदान नहीं होने से उन्हें रास्ते में ही थूकना पड़ता है.
थूकने की इस आदत को देखते हुए नागपुर के कुछ युवाओं ने एक अनूठा अविष्कार किया है, इससे अब थूकने वालों को थूकदान या पीकदान की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस प्रोडक्ट में थूककर इसे जेब में रखा जा सकता है और जहां भी कूड़ादान दिखाई दे, वहां डाल दें.
नागपुर के प्रतीक मल्होत्रा, रितु मल्होत्रा और प्रतीक हरदे ने सड़कों और इमारतों का साफ-सुथरा रखने के लिए यह प्रोडक्ट बनाया है. प्रतीक मल्होत्रा ने बताया कि यह एक पाउच है और इसे पेपर, पॉलीमर और पल्प से बनाया गया है. प्रतीक ने बताया कि उन्हें इस प्रोडक्ट का पेटेंट भी मिल गया है. कहीं भी आते-जाते समय इस प्रोडक्ट को आसानी से जेब में रखा जा सकता है.
रितु मल्होत्रा ने बताया कि संक्रामक बीमारियों के फैलने की एक सबसे बड़ी वजह इधर-उधर थूकना भी है. इस प्रोडक्ट के इस्तेमाल से निश्चित ही संक्रामक बीमारियों में कमी आएगी. रितु बताती हैं कि यह प्रोडक्ट लार को सोख लेता है और गंदगी को इधर-उधर फैलने से रोकता है.
प्रतीक हरदे बताते हैं कि वह इस प्रोडक्ट के इस्तेमाल को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाने का भी काम कर रहे हैं. प्रतीक ने बताया कि सार्वजनिक स्थलों पर थूकने या पीकने पर जुर्माने का भी प्रावधान है, लेकिन फिर भी लोग अपनी आदत से बाज नहीं आते. इस प्रोडक्ट से उन्हें इधर-उधर थूकने की आदत पर काफी हद तक लगाम भी लगेगी.
Nagpur: Prateek Malhotra, Ritu Malhotra & Pratik Harde have developed a product in which people can spit & carry it in their pockets as the pouch absorbs saliva, say it is to keep environment clean. Product is made with paper, pulp & polymer & got a national patent, recently. pic.twitter.com/3rFztgu1Mw
— ANI (@ANI) 19 अप्रैल 2018
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आते ही स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया था. इस मिशन का उद्देश्य भारत को गंदगी से मुक्त तथा खुले में शौच मुक्त बनाना है. पिछले चार वर्षों में इस मिशन के तहत बड़ी कामयाबी भी हासिल की गई है. साफ-सफाई को लेकर लोग जागरुक हो रहे हैं और देश के अधिकांश हिस्से खुले में शौच से मुक्त भी हो चुके हैं.