Kerala Governor Arif Mohammad Khan: कश्मीर से अनुच्छेद 370(Article370) हटाये जाने के बाद केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan)ने जयपुर में अनुच्छेद 370, कश्मीर, पाकिस्तानी सेना और धर्म के नाम पर अलगाववाद जैसे मुद्दों पर अपनी राय रखी.
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जयपुर: जयपुर(Jaipur) में दीनदयाल स्मृति व्याख्यान के दौरान दूसरी बार कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा (Discussion on Kashmir) हुई. कश्मीर से अनुच्छेद 370(Article370) हटाये जाने के बाद पहली बार हुए इस व्याख्यान को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan)ने संबोधित किया. खान ने कश्मीर को भारत का ज़रूरी हिस्सा बताते हुए कहा कि कश्मीर के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती.
उन्होंने पाकिस्तान (Pakistan)पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान के मौजूदा हिस्से जितना ही हिस्सा अलग हो जाने के बावजूद पाकिस्तान अपने अस्तित्व को मानता है. उन्होंने कहा कि देश की दूसरी देशी रियासतों का भारत में अधिमिलन तो सरदार पटेल(Sardar)कर गए थे. लेकिन कश्मीर का अधिमिलन कराना अमित शाह के हिस्से में ही लिखा था.
शुक्रवार का दिन रहा खास
प्रदेश में हर साल होने वाले दीनदयाल स्मृति व्याख्यान में शुक्रवार का दिन भी खास था. इस बार पहला मौका था. जब संवैधानिक पद पर बैठे किसी राज्यपाल ने इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया.
जम्मू कश्मीर पर आरिफ मोहम्मद खान ने रखी बात
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने जम्मू-कश्मीर के भारत में अधिमिलन विषय पर अपनी राय रखी. कार्यक्रम की शुरूआत में एकात्ममानवदर्शन अनुसंधान संस्थान एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉक्टर महेश शर्मा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विषय की इतनी जल्दी दोहराव की उम्मीद नहीं थी. लेकिन कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के चलते परिवेश बदल गया. शर्मा ने कहा कि पूरे संविधान में एकमात्र यही अनुच्छेद ऐसा था. जिस पर संविधान सभा में एक बार भी चर्चा नहीं हुई.
क्यों लगा अनुच्छेद 370 हटाने में समय
इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद-370 (Article-370) हटना चाहिए था या नहीं. यह बहस का विषय नहीं हो सकता. लेकिन इस पर बहस ज़रूर हो सकती है कि इसे हटाने में समय क्यों लगा?
शाह के खाते में लिखा था अधिमिलन
खान ने कहा कि भारत की सब रियासतों का अधिमिलन तो सरदार पटेल कर गए थे. लेकिन इस अंतिम रियासत के अधिमिलन अमित शाह के खाते में लिखा था और अनुच्छेद-370 खत्म करके उन्होंने यह भी पूरा कर दिया. उन्होंने कहा कि अमित शाह ने तो इसके जरिये सिर्फ वही किया है जो कश्मीर की जनता अक्टूबर 1947 में ही तय कर चुकी.
धर्म के नाम पर चला अलगाववाद का आंदोलन
राज्यपाल खान ने कहा कि हमारे देश का विभाजन धर्म के नाम पर अलगाववाद का आंदोलन चलाकर कराया गया. ऐसी घटनाओं के नतीजे केवल वे लोग नहीं भुगतते जिनका अलगाव कराया गया. बल्कि ऐसी घटनाएं पीढ़ियों को प्रभावित करती है.
धर्म के आधार पर क्यों हुआ विभाजन
उन्होंने कहा कि आज भारत में पाकिस्तान की जनसंख्या से भी ज्यादा मुस्लिम हैं. ऐसे में आने वाली पीढ़ियां यह सवाल ज़रूर करेंगी कि फिर धर्म के आधार पर विभाजन कराया ही क्यों गया?
पाक की फौज दुनिया में है सबसे अजीब
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि पाकिस्तान में एक ऐसी फौज है जिसके पास अपना देश है. उन्होंने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों में तो स्टैब्लिशमेंट सरकार को कहा जाता है. लेकिन पाकिस्तान दुनिया का अकेला ऐसा मुल्क है. जहां स्टैब्लिशमेंट सेना को कहा जाता है.
वाजपेयी को पाक यात्रा से पहले कही थी यह बात
उन्होंने पुराना वाकया साझा करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी(Atal Bihar Vajpayee)की पाकिस्तान यात्रा से पहले ही उन्होंने कह दिया था कि पाकिस्तान से संबंध (Relations with Pakistan) सुधारने की चाहे जितनी कोशिश की जाए. लेकिन यह संभव नहीं हो सकता. खान ने कहा कि ऐसा पाकिस्तान की फितरत और वहां की सेना के कारण है.
भारत जमीन का टुकड़ा नहीं है एक विचार
उन्होंने कहा कि भारत केवल ज़मीन के एक टुकड़े का नाम नहीं बल्कि एक विचार का नाम है और यह ऐसा विचार है जिसकी कल्पना कश्मीर के बिना नहीं की जा सकती. इस मौके पर अनुच्छेद-370 का ज़िक्र करते हुए राज्यपाल खान ने कहा कि विशेष दर्जा नहीं होना चाहिए. क्योंकि विशेष प्रावधान हमेशा असमानताएं ही पैदा करते हैं.
आतंक का अड्डा बनाना चाहते थे 370 के पैरोकार
उन्होंने कहा कि कुछ लोग 370 को सिर्फ इसलिए ज़िंदा रखना चाहते थे. जिससे कश्मीर को आतंक का अड्डा बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमसे युद्ध में नहीं जीत सकता. इसलिए वह प्रॉक्सी वॉर(Proxy War)करता है और अब केंद्र सरकार(Central Government)ने इसे भी खत्म करने की मंशा जताई है.