जम्मू कश्मीरः पाबंदियों के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल आदेश देने से किया इंकार
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जम्मू कश्मीरः पाबंदियों के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल आदेश देने से किया इंकार

कश्मीर के हालात पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एक-एक कर पाबंदिया हटाई जा रही हैं. 80 फीसदी लैंडलाइन चालू किए जा चुके हैं.

फाइल फोटो.

नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लगी पाबंदियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल आदेश देने से इंकार किया. बता दें कि कश्मीर टाइम्स की संपादक की शिकायत थी कि श्रीनगर से उनका अखबार प्रकाशित नहीं हो रहा है. इसके जवाब में सरकार ने कहा कि बाकी अखबार छप रहे हैं और ये जानबूझकर नहीं छाप रहे. 

कश्मीर के हालात पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एक-एक कर पाबंदिया हटाई जा रही हैं. 80 फीसदी लैंडलाइन चालू किए जा चुके हैं. इलाज में दिक्कत की शिकायत झूठी है. इस दौरान 4 हज़ार से ज़्यादा लोगों की बड़ी सर्जरी हुई है. 40 हज़ार से ज़्यादा छोटी सर्जरी हुई. इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल आदेश देने से इंकार किया. अब इस याचिका पर 16 सितंबर को सुनवाई होगी.

कश्मीर टाइम्स की एग्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाई है कि जम्मू कश्मीर में पत्रकारों पर बंदिशें लगा दी गई है. उन्होंने देश की सबसे बड़ी अदालत से अपील की है कि जम्मू कश्मीर में पत्रकारों को अपनी मर्जी से काम करने की इजाजत दी जाए. यहां आपको बता दें जम्मू कश्मीर में सारे अखबार प्रकाशित हो रहे हैं. सुरक्षा दृष्टिकोण से थोड़ी बहुत बंदिशें जरूर हैं. हालांकि देशी-विदेशी मीडिया लगातार जम्मू कश्मीर की मौजूदा हकीकत पर स्टोरी कर रही हैं.

जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) किसी भी सूरत में वहां हिंसा कराने की फिराक में है, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों की मुश्तैदी के सामने उसके मंसूबे पर पानी फिर गया है. ऐसे में पाकिस्तान (Pakistan) किसी भी भारतीय की ओर से दिए गए बयान को लपक कर उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत कर रहा है. उदाहरण के तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा था कि जम्मू कश्मीर में लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है. 

वहीं जम्मू कश्मीर के हालात से जुड़ी एक अन्य याचिका सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिज़ा को चेन्नई से श्रीनगर जाने और अपनी मां से मुलाकात की इजाज़त दे दी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि इसके अलावा श्रीनगर में उन्हें कहीं आने-जाने के लिए प्रशासन की इजाज़त लेनी होगी.

 यह भी पढ़ेंः दुनिया के सामने भारत को बदनाम करने की साजिश रच रही हैं पत्रकार अनुराधा भसीन?

उधर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद प्रतिबंध के मामले में CPM नेता यूसुफ तारिगामी को इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में दाखिल करवाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश पर तारिगामी से मिल कर लौटे पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी की रिपोर्ट के आधार पर ये आदेश दिया है.

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