कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी रोते हुए बोले, 'मुख्यमंत्री बनने से खुश नहीं, गठबंधन का जहर पी रहा हूं'
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कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी रोते हुए बोले, 'मुख्यमंत्री बनने से खुश नहीं, गठबंधन का जहर पी रहा हूं'

बेंगलुरु में जेडीएस के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने रोते हुए अपने कार्यकर्ताओं से कहा, मैं इन हालात से खुश नहीं हूं.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुमारस्वामी की आंखों में आंसू अा गए.

नई दिल्ली : कांग्रेस और जेडीएस के बीच कर्नाटक में चल रही गठबंधन सरकार के बीच असंतोष तब उभरकर सामने आ गया, जब खुद मुख्यमंत्री सीएम कुमारस्वामी एक कार्यक्रम में रो पड़े. उन्होंने कहा, मैं वर्तमान की परिस्थितियों से खुश नहीं हूं. मैं गठबंधन का जहर पी रहा हूं. कुमारस्वामी ने एक कार्यक्रम में कहा, चुनाव के बाद मेरे कार्यकर्ता काफी खुश थे, उन्हें लग रहा था कि उनके भाई को सीएम बनाया गया है. लेकिन वह आज के हालात से खुश नहीं हैं.

  1. जेडीएस के कार्यक्रम में माला पहनने से भी किया इनकार
  2. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुमारस्वामी हुए भावुक
  3. किसानों की ऋण माफी स्कीम पर उठाए जा रहे हैं सवाल

कुमारस्वामी के सीएम बनने के बाद जेडीएस द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. शनिवार को आयोजित इस कार्यक्रम में कुमारस्वामी ने पुष्पगुच्छ भी नहीं लिए और स्वागत के दौरान माला भी नहीं पहनी. इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम में अपने कार्यकर्ताओं से कहा, जब मैं सीएम बना था तो आप लोग बहुत खुश थे. लेकिन मैं आपसे कहना चाहता हूं कि मैं खुश नहीं हूं. मैं अपने दर्द को पी रहा हूं. गठबंधन का सीएम बनना जहर पीने से कम नहीं है. मैं इन हालात से खुश नहीं हूं.

राज्य विधानसभा में अपना पहला बजट पेश करने के बाद कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के बीच कई तरह के तनाव की खबरें आ रही हैं. खासकर किसानों का ऋण माफ करने के बाद सरकार ने पेट्रोलियम की कीमतों में वृद्धि करने के बाद दोनों के बीच तनातनी और बढ़ गई है. उधर भाजपा ने सरकार पर आरोप जड़ दिया है कि उसने राज्य के तटीय इलाकों के लोगों की अनदेखी की है. दरअसल कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी के इस भावुक कर देने वाली स्पीच की वजह सोशल मीडिया पर चल रहा एक वीडियो है, जिसमें कर्नाटक के तटीय इलाके का लड़का यह कह रहा है कि कुमारस्वामी उसके सीएम नहीं हैं. राज्य के कोदागू के एक लड़के ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया था इसमें उसके गांव की सड़क बह गई. लेकिन सीएम को इसकी चिंता ही नहीं है. तटीय इलाकों के मछुआरे के लोन भी माफ नहीं किए गए हैं. 

दो घंटे के भीतर मुख्यमंत्री पद छोड़ सकता हूं...
कुमारस्वामी ने कहा, किसानों के ऋण माफी के लिए अधिकारियों को मैंने किस तरह से बाजीगरी करके तैयार किया, ये कोई नहीं जानता. सीएम ने कहा, 'अब वे 'अन्ना भाग्य स्कीम' में 5 किलो चावल की बजाय 7 किलो चाहते हैं. मैं इसके लिए 2500 करोड़ कहां से लेकर आऊं. टैक्स लगाने के लिए मेरी बहुत आलोचना हो रही है. दूसरी तरफ मीडिया कह रही है कि मेरी लोन माफी स्कीम में स्पष्टता नहीं है. अगर मैं चाहूं तो 2 घंटों के भीतर सीएम का पद छोड़ दूं.' कुमारस्वामी ने कहा, चुनाव के समय रैलियों में हमें सुनने के लिए बहुत बड़ी संख्या में लोग आते थे, लेकिन जब वोट देने की बारी आई तो लोग हमें और हमारी पार्टी को भूल गए. मैं सीएम बना इसकी ताकत मुझे भगवान ने दी है. वह तय करेंगे कि मैं इस पद पर कितने दिन रहूं.

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देवेगौड़ा ने भी जताई चिंता...
उधर, जेडीएस के सुप्रीमो और कुमारस्वामी के पिता देवेगौड़ा बोले- मैं अपने बेटे की सेहत के लिए चिंतित हूं. वह बिना आराम किए 18 घंटे तक काम कर रहा है. देवगौड़ा ने पूर्व में सिद्धारमैया सरकार की 4000 करोड़ की देनदारी का भी उल्लेख किया. उस समय 50 हजार करोड़ के किसान लोन माफ किए गए थे. देवगौड़ा ने इस बात के भी संकेत दिए कि लोन माफी स्कीम को स्त्री शक्ति समूहों तक भी ले जाया जाएगा.

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