स्टूडेंट को मिलने थे 99 नंबर, लेकिन दे दिया '0', स्कूल ने टीचर को नौकरी से निकाला
टीचर उमा देवी ने तेलुगु पेपर की जब 12वीं की कॉपी जांची तो उन्होंने छात्रा नव्या को 99 नंबर देने के बजाय 0 नंबर दे दिए. मामला सामने के बाद उमा देवी को उनके स्कूल के प्रबंधन ने बर्खास्त कर दिया है.
- तेलंगाना में 12वीं के नतीजों पर उठे सवाल
- कॉपियों के मूल्यांकन में ढेरों शिकायतें मिलीं
- सरकार ने 3 सदस्यीय कमेटी गठित की
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हैदराबाद: तेलंगाना बोर्ड ने पिछले दिनों 12वीं का रिजल्ट घोषित किया है. उसके बाद से ही वहां कॉपियों के मूल्यांकन में खामियों की कई शिकायतें सामने आ रही हैं. इसी सिलसिले में एक टीचर ने एक स्टूडेंट को 99 नंबर देने के बजाय '0' नंबर देकर फेल कर दिया. जांच में टीचर की खामी पाए जाने के बाद उस पर जुर्माना लगाया गया और उसे नौकरी से निकाल दिया गया.
कॉपियों के मूल्यांकन में अभिभावकों और छात्रों की ढेरों शिकायतें सामने आने के बाद तेलंगाना सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया. रिपोर्ट आने के एक दिन बाद इंटरमीडियट एजुकेशन बोर्ड (BIE) ने उन टीचरों के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है जिन्होंने अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरती.
इस कड़ी में BIE ने घोषणा करते हुए कहा कि एक प्राइवेट स्कूल में टीचर उमा देवी को कॉपी के गलत मूल्यांकन के कारण पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. दरअसल टीचर उमा देवी ने तेलुगु पेपर की जब 12वीं की कॉपी जांची तो उन्होंने छात्रा नव्या को 99 नंबर देने के बजाय 0 नंबर दे दिए. मामला सामने के बाद उमा देवी को उनके स्कूल के प्रबंधन ने बर्खास्त कर दिया है.
इंटरमीडिएट परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतें
तेलंगाना की परीक्षाओं में गड़बड़ी के मामले बड़े पैमाने पर सामने आने के बाद तेलंगाना भाजपा प्रमुख के. लक्ष्मण ने घोषणा की है कि इंटरमीडिएट परीक्षाओं के नतीजों की घोषणा में कथित गड़बड़ी की न्यायिक जांच की मांग करते हुए सोमवार से अनिश्चितकालीन अनशन करने जा रहे हैं. इस सिलसिले में पार्टी ने रविवार को कहा, ‘‘भाजपा को लगता है कि पूरी प्रक्रिया में सुधार किए जाने की जरुरत है. अभी तक 23 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है.’’
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव पी मुरलीधर राव ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘भाजपा इसका तार्किक निष्कर्ष चाहती है और इसलिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. लक्ष्मण यहां पार्टी कार्यालय में सोमवार से अनिश्चितकालीन अनशन करेंगे. हमारी मांग है कि इसकी जिम्मेदारी तय करने के लिए उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराई जाए.’’
माध्यमिक परीक्षा के नतीजों पर हंगामे के बाद तेलंगाना सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय तकनीकी विशेषज्ञों की समिति पर वरिष्ठ भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि यह दोषियों को बचाने की कोशिश है. परीक्षा में फेल होने या खराब अंक लाने के कारण 20 से अधिक छात्रों के कथित तौर पर आत्महत्या करने का दावा करते हुए कांग्रेस के नेतृत्व वाले एक विपक्षी प्रतिनिधिमंडल ने भी राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन से मामले की न्यायिक जांच का आदेश देने की मांग की.
नतीजों की घोषणा में कथित गड़बड़ी के बाद समिति नियुक्त की गई. नतीजों की घोषणा के बाद छात्रों, अभिभावकों, छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों ने व्यापक आलोचना की. परीक्षाएं इस साल फरवरी और मार्च में हुई थीं और नतीजे 18 अप्रैल को घोषित किए गए. टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव को नतीजों की घोषणा में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए तेलंगाना कांग्रेस, तेदेपा, टीजेएस और भाकपा ने शनिवार को एलान किया कि वे बोर्ड के ‘‘कुप्रबंधन’’ के विरोध में 29 अप्रैल को टीएसबीआईई कार्यालय के सामने प्रदर्शन करेंगे.
टि्वटर पर सवालों का जवाब देते हुए रामा राव ने कहा, ‘‘हमारे राज्य के हर व्यक्ति की तरह मैं भी दुखी हूं. जो भी हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है. अब सरकार द्वारा गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जो भी जिम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं भी पिता हूं और मैं उन लोगों का दर्द महसूस कर सकता हूं जिन्होंने अपने बच्चों को खोया है.’’ पत्रकारों से यहां बातचीत में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के तेलंगाना प्रभारी आर सी खुंटिया ने कहा कि उनकी पार्टी सोमवार को होने वाले ‘चलो इंटरमीडिएट बोर्ड’ प्रदर्शन का समर्थन करती है. शिक्षा मंत्री का इस्तीफा मांगते हुए उन्होंने कहा कि जब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. इस बीच, विपक्षी पार्टी के नेताओं ने शहर में कुछ छात्रों के परिवार के सदस्यों से रविवार को मुलाकात की.
(इनपुट: एजेंसी भाषा से भी)