'बाल विवाह' से पूरी तरह मुक्त हुआ यह गांव, एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाई बदलाव
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'बाल विवाह' से पूरी तरह मुक्त हुआ यह गांव, एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाई बदलाव

2019 में गांव में बाल विवाह के दो प्रयासों को रोकाने के बाद यह गांव पूरी तरह से बाल विवाह मुक्त हो गया है. 

(प्रतीकात्मक फोटो)

भुवनेश्वर (संवाददात, निरंजन मिश्रा): ओडिशा (Odisha) के सुबर्णपुर जिला का रुगुड़ीपाली गांव प्रदेश का पहला बाल विवाह (child marriage) मुक्त गांव बन गया है. 2019 में गांव में बाल विवाह के दो प्रयासों को रोकाने के बाद यह गांव पूरी तरह से बाल विवाह मुक्त हो गया है. 

इस गांव के बाल विवाह मुक्त होने का श्रेय गांव की आंगनवाड़ी कर्मी गीतांजलि राणा को जाता है. गीतांजलि इस प्रथा के विरोध में लगातार गांव वालों के बीच जागरुकता अभियान चल रही थीं.  वह न सिर्फ मानवीय तर्क गांववालों को सुनाती थी बल्कि वह इस समस्या के कानूनी पहलू के बारे में लोगों को बताती थी. 

गीतांजली बाल विवाह को लेकर गांव में जागरुकता कैंप भी लगवाती थी. 2019 में दो मामले सामने आए जहां बाल विपाह का प्रयास किया गया लेकिन समय रहत इन दोनों ही विवाह रोक दिया गया. 

गीतांजली के काम को प्रशासन ने भी सराहा है साथ ही इलाके के बुद्धिजीवी और स्थानीय लोग भी गीतांजली की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. 

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