महाराष्ट्र राजनीति के वो टॉप 10 चेहरे, जिनके इर्द-गिर्द ही घूमेगी विधानसभा चुनावों की नैया
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महाराष्ट्र राजनीति के वो टॉप 10 चेहरे, जिनके इर्द-गिर्द ही घूमेगी विधानसभा चुनावों की नैया

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण समेत पूर्व डिप्टी सीएम अजीत पवार और छगन भुजबल जैसे टॉप टेन कद्दावर नेताओं की किस्मत दांव पर लगी हुई है.

महाराष्ट्र (Maharashtra) में वोटिंग (voting) 21 अक्टूबर को है जबकि चुनावों के नतीजे (Election Results) 24 अक्टूबर को आने हैं

मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों (Maharashtra Assembly Elections) को लेकर चुनावी बिसात बिछ चुकी है. नामांकन (nomination) भी हो चुके हैं. ऐसे में हम आपको महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) से बेहतर तरीके से वाकिफ करवाने की कोशिश कर रहे हैं. महाराष्ट्र के चुनाव (Maharashtra Elections) इसलिए भी खास हैं क्योंकि वहां बीजेपी (BJP) पहली बार गठबंधन में शिवसेना (Shiv Sena) से ज्यादा सीटों से लड़ रही है और इस बार ठाकरे परिवार (Thackeray Family) का पहला सदस्य चुनावी मैदान में है. यहां आपको यह भी बता दें कि महाराष्ट्र (Maharashtra) में वोटिंग (voting) 21 अक्टूबर को है जबकि चुनावों के नतीजे (Election Results) 24 अक्टूबर को आने हैं.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण समेत पूर्व डिप्टी सीएम अजीत पवार और छगन भुजबल जैसे टॉप टेन कद्दावर नेताओं की किस्मत दांव पर लगी हुई है. आज हम आपको एक-एक कर महाराष्ट्र राजनीति के ऐसे 10 चेहरों से रू-ब-रू कराएंगे इन चुनावों में जिनकी चर्चा सबसे ज्यादा होने वाली है. 

देवेंद्र फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस को बीजेपी की तरफ से महाराष्ट्र के अगले सीएम के चेहरे के तौर पर दोबारा प्रोजेक्ट किया जा रहा है. फडणवीस नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट से चुनावी मैदान में हैं. पांच साल मुख्यमंत्री के तौर पर बखूबी सूबे की कमान संभाल चुके देवेंद्र फडणवीस दोबारा किस्मत आजमा रहे हैं. सीएम फडणवीस को तगड़ी चुनौती देने के लिए विपक्ष ने स्थानीय उम्मीदवार के तौर पर आशीष देशमुख को चुनावी समर में उतारा है. आशीष देशमुख कांग्रेस के प्रत्याशी हैं. देवेंद्र फडणवीस इस सीट पर दो बार विधायक रह चुके हैं और इस बार भी फडणवीस की स्थिति खासी तगड़ी है. नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट में करीब तीन लाख इक्तालिस हजार तीन सौ वोटर हैं. साल 2014 के चुनाव में देवेंद्र फडणवीस 58942 वोटों के अंतर से चुनाव जीते थे और उन्हें 59.21 फीसदी वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार की झोली में महज 28.57 फीसदी वोट पड़े थे. सीएम फडणवीस का नागपुर गृहनगर है और राष्ट्रीय सेवक संघ (आरएसएस) का मुख्यालय भी नागपुर में ही है. इस सीट पर चुनावी मैदान में कुल 24 उम्मीदवार हैं.

 
आदित्य ठाकरे
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बेहद चर्चा में आई दूसरी विधानसभा सीट मुंबई की वर्ली सीट है. इस चुनाव क्षेत्र से शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे चुनाव लड़ रहे हैं. आदित्य ठाकरे के चुनाव मैदान में उतरने के साथ ही ठाकरे परिवार का पहला कोई वारिस चुनावी समर में उतरकर इतिहास रच रहा है. वर्ली विधानसभा सीट दक्षिण मुंबई लोकसभा क्षेत्र में आती है. वर्ली सीट शिवसेना का अभेद किला रहा है. इस सीट पर शिवसेना ने 1990 से लेकर साल 2009 तक लगातार जीत दर्ज कर राज किया है. हालांकि 2009 के विधानसभा चुनाव में वर्ली सीट शिवसेना गवां बैठी थी और इस सीट पर एनसीपी के पूर्व मंत्री सचिन अहिर से शिवसेना के उम्मीदवार आशीष चुनाव हार गए थे. हालांकि शिवसेना ने पिछले 2014 विधानसभा चु्नाव में वर्ली सीट वापस जीत ली थी और शिवसेना नेता सुनील शिंदे ने सचिन अहिर को हराकर इस सीट पर फिर से शिवसेना को काबिज कर दिया था. हालांकि अब सचिन अहिर भी एनसीपी छोड़कर शिवसेना पार्टी में शामिल हो चुके हैं. आपको बता दें कि वर्ली विधानसभा सीट में कुल 265091 वोटर हैं. इस सीट में पुरुष मतदाता 56.23 फीसदी जबकि 43.77 फीसदी महिला वोटर हैं. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में वर्ली सीट पर 55 फीसदी वोट पड़े थे. आदित्य ठाकरे समेत इस सीट पर कुल 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. पहली बार चुनाव लड़ रहे आदित्य ठाकरे को एनसीपी के उम्मीदवार सुरेश माने से चुनौती मिल रही है. हालांकि इस इलाके में एनसीपी का दबदबा अब नहीं रहा. स्थानीय एनसीपी के ज्यादातर नेता और कार्यकर्ता शिवसेना का दामन थाम चुके हैं. मराठी एक्टर अभिजीत बिचकुले भी इस सीट पर चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन के डा. सुरेश माने को वर्ली सीट पर चुनाव मैदान में उतारा है. सुरेश माने मुंबई युनिवर्सिटी में लॉ-डिपार्मेंट के प्रोफेसर रह चुके हैं. वर्ली सीट दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट में आती है और दोनों पर ही शिवसेना का कब्जा है. केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत दक्षिण मुंबई संसदीय सीट से सांसद हैं. कुल मिलाकर आदित्य ठाकरे की इस सीट पर स्थिति बेहद अच्छी है.

अजीत पवार
सूबे में एक से एक कद्दावर नेताओं की इस चुनाव में किस्मत दांव पर है. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम अजीत पवार महाराष्ट्र के पुणे जिले की बारामती विधानसभा सीट से 6 बार विधायक रह चुके हैं. अजीत पवार फिर एक बार बारामती सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. बारामती इलाका पवार परिवार का गढ़ है. यह विधानसभा सीट बारामती संसदीय क्षेत्र में आती है और उस पर भी दशकों से एनसीपी का कब्जा है. अजीत पवार की बारामती सीट बेहद सुरक्षित सीट मानी जाती है. इस बार अजीत पवार को बीजेपी तगड़ी चुनौती दे रही है. बीजेपी ने धनगर समाज (गडेरिया) के तगड़े नेता गोपीचंद पडालकर को चुनाव मैदान में उतारा है. पडालकर मराठा नेता संभाजी भिडे के शिष्य माने जाते हैं और इस इलाके में संभाजी भिडे की खासी पकड़ है. पडालकर प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाड़ी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इस चुनान क्षेत्र में कुल 15 उम्मीदवार मैदान में हैं. हालांकि एनसीपी के अजीत पवार का पलड़ा काफी भारी है. अजीत पवार एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार हैं.

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चंद्रकांत पाटिल
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और सूबे की बीजेपी का मराठा चेहरा की पहचान रखने वाले प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की पुणे जिले की कोथरुड विधानसभा सीट खासी सुर्खियों में है. प्रदेश में सीएम कुर्सी के दावेदारों में से एक चंद्रकांत पाटिल पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. चंद्रकांत पाटिल फिलहाल विधान परिषद के सदस्य हैं. पाटिल का गृहनगर कोल्हापुर है. लेकिन पार्टी ने उन्हें सियासी तौर पर बेहद ताकतवर पश्चिम महाराष्ट्र के पुणे की कोथरुड सीट पर मौजूदा बीजेपी विधायक मेधा कुलकर्णी का टिकट काटकर चंद्रकांत पाटिल को चुनावी मैदान में उतारा है. ब्राम्हण वोटों के वर्चस्व वाली इस सीट पर बीजेपी इस बार मराठा जाति के चंद्रकांत पाटिल को चुनाव मैदान में उतार दिया है. चंद्रकांत पाटिल को कड़ी टक्कर देने के लिए कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन ने एमएनएस के उम्मीदवार को समर्थन कर दिया है. किशोर शिंदे एमएनएस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. इस तरह से चंद्रकांत पाटिल को कड़ी चुनौती मिल रही है. इस विधानसभा सीट पर कुल 8 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं.
 

पृथ्वीराज चव्हाण
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की सीट कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बन गई है. पृथ्वीराज चव्हाण फिर से एक बार सातारा जिले की कराड़ दक्षिण विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. सातारा जिला प्रदेश के पश्चिम महाराष्ट्र में आता है. इस चुनाव क्षेत्र में पृथ्वीराज चव्हाण को बीजेपी के अतुल भोसले से कड़ी चुनौती मिल रही है. सातारा दक्षिण विधानसभा सीट पर कुल 21 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों के बीच ही है.
 

पंकजा मुंडे
महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे फिर एक बार सूबे की बीड जिले की परली विधानसभा सीट पर बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. पंकजा मुंडे दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं. जीत की हैट्रिक लगाने के दमखम से चुनाव मैदान में उतरीं पंकजा मुंडे को इस बार उन्हीं के चचेरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे से चुनौती मिल रही है. धनंजय मुंडे एनसीपी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं. धनंजय मुंडे विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी हैं. इस सीट पर कुल 53 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमां रहे हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला पंकजा मुंडे और धनंजय मुंडे के बीच दिखाई दे रहा है.

छगन भुजबल
प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल की येवला विधानसभा सीट भी खासी सुर्खियों में है. येवला सीट सूबे के नाशिक जिले में आती है. छगन भुजबल एनसीपी का ओबीसी चेहरा हैं. छगन भुजबल का मुकाबला शिवसेना के संभाजी साहेबराव पवार से है. येवला विधानसभा सीट पर कुल 30 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि वंचित बहुजन आघाड़ी के अलगट सचिन वसंतराव के मैदान में आ जाने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

राधाकृष्ण विखे पाटिल
महाराष्ट्र के गृहनिर्माण मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल की अहमदनगर जिले की शिर्डी विधानसभा सीट खासी चर्चा में है. कांग्रेस से बीजेपी में आए राधाकृष्ण विखे पाटिल इस सीट पर इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. विखे पाटिल के सामने कांग्रेस के टिकट पर सुरेश जगन्नाथ थोरात चुनाव मैदान में हैं. इस सीट पर कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं. हालांकि राधाकृष्ण विखे पाटिल की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है.

एकनाथ शिंदे
प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री एकनाथ शिंदे मुंबई से सटे थाणे जिले की कोपरी पाचपखाड़ी विधानसभा सीट पर लगातार चौथी बार चुनाव मैदान में हैं. शिवसेना के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे को कांग्रेस के संजय पांडुरंग घाडीगांवकर चुनौती दे रहे हैं. थाणे जिले में शिवसेना और बीजेपी का दबदबा है. इस सीट पर कुल 11 उम्मीदवार चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि बहुजन वंचित आघाड़ी के उम्मीदवार उमेश बागवे की मौजूदगी से त्रिकोणीय मुकाबला है. 

अशोक चव्हाण
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके की नांदेड़ भोकर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर सबसे ज्यादा 135 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. अशोक चव्हाण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और देश के पूर्व गृहमंत्री दिवंगत शंकरराव चव्हाण के बेटे हैं. 2014 के चुनाव में लोकसभा सांसद चुनाव के लिए अशोक चव्हाण ने नांदेड की भोकर सीट पर अपनी पत्नी अमिता चव्हाण को चुनाव लड़वाया था और वे इस सीट पर मौजूदा विधायक हैं. हालांकि लोकसभा चुनाव में नांदेड संसदीय सीट से चुनाव हारने के बाद अशोक चव्हाण फिर एक बार विधानसभा में किस्मत आजमा रहे हैं. चव्हाण को इस चुनाव में कड़ी टक्कर मिल रही है. बीजेपी के बाबूराव गोर्थेकर और बहुजन वंचित आघाड़ी के टिकट पर नामदेव ऐलवर भी चुनावी समर में हैं. इस सीट पर त्रिकोणीय टक्कर मानी जा रही है.

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