नरोदा पाटिया मामले में बरी होने पर बोलीं माया कोडनानी- सत्य हमेशा जीतता है
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नरोदा पाटिया मामले में बरी होने पर बोलीं माया कोडनानी- सत्य हमेशा जीतता है

माया कोडनानी ने कहा कि उन्होंने सक्रिय राजनीति में शामिल होने के बारे में अभी विचार नहीं किया है, लेकिन वह बीजेपी की कार्यकर्ता बनी रहेंगी.

 माया कोडनानी ने कहा कि कहा, 'मैं एक बीजेपी कार्यकर्ता हूं , मैं एक बीजेपी कार्यकर्ता थी और बीजेपी की कार्यकर्ता रहूंगी. (फाइल फोटो - साभार रॉयटर्स)

अहमदाबाद: वर्ष 2002 के नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में बरी होने वाली गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने सक्रिय राजनीति में शामिल होने के बारे में अभी विचार नहीं किया है, लेकिन वह बीजेपी की कार्यकर्ता बनी रहेंगी. उन्होंने शुक्रवार को अपने बरी होने पर कहा, 'सत्य की हमेशा जीत होती है'. यह फैसला करीब एक दशक बाद आया. उन्हें भीड़ द्वारा 97 लोगों की हत्या किए जाने के मामले में आरोपी बनाया गया था. 

'मैं एक पार्टी कार्यकर्ता हूं और आगे भी बनी रहूंगी'

कोडनानी ने एक स्थानीय टीवी चैनल से कहा, 'मैं एक बीजेपी कार्यकर्ता हूं , मैं एक बीजेपी कार्यकर्ता थी और बीजेपी की कार्यकर्ता रहूंगी. मैंने इसके बारे में ( सक्रिय राजनीति में लौटने ) अभी सोचा नहीं है , क्योंकि अदालत का फैसला अभी कल ही आया है. मैं एक पार्टी कार्यकर्ता हूं और आगे भी बनी रहूंगी.' तीन बार विधायक रहीं पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्हें पूरे परिवार ने समर्थन दिया, जिससे इस मुश्किल वक्त से बाहर आने की उन्हें ‘‘ शक्ति ’’ मिली. 

बीजेपी नेताओं द्वारा उनकी रिहाई का स्वागत किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा , 'मैं एक बीजेपी कार्यकर्ता हूं और इसलिए , पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और शुभचिंतकों द्वारा ऐसा किया जाना स्वाभाविक है.' 

गुजरात सरकार में रह चुकी हैं मंत्री
पेशे से स्त्री रोग विशेषज्ञ कोडनानी अहमदाबाद की नरोदा सीट से 1998, 2002 और 2007 में विधायक चुनी गईं. गुजरात में 2007 में तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार में उन्हें महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री बनाया गया था.  गोधरा कांड के बाद हुई हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल ( एसआईटी ) ने उन्हें 2008 में नरोदा पाटिया और नरोदा गाम में हुए नरसंहार में आरोपी बनाया था. 

अगस्त 2012 में विशेष एसआईटी अदालत ने नरोदा पाटिया मामले में उनकी भूमिका को लेकर उन्हें 28 साल कैद की सजा सुनाई थी. उन्हें मार्च 2009 में गिरफ्तार किया गया था लेकिन जुलाई 2014 से वह जमानत पर थीं. 

(इनपुट - भाषा)

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