श्रद्धालु कर सकेंगे ‘ऑनलाइन दर्शन', चारों धामों के गर्भगृह को छोड़कर बाकी मंदिर के लिए होगी ये सुविधा
Advertisement

श्रद्धालु कर सकेंगे ‘ऑनलाइन दर्शन', चारों धामों के गर्भगृह को छोड़कर बाकी मंदिर के लिए होगी ये सुविधा

जो लोग मंदिरों के ऑनलाइन दर्शन करना चाहते हैं, उन्हें गर्भगृह को छोड़कर मंदिर परिसर के ऑनलाइन दर्शन एवं ऑडियो के माध्यम से पूजा-अर्चना करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

श्रद्धालु कर सकेंगे ‘ऑनलाइन दर्शन', चारों धामों के गर्भगृह को छोड़कर बाकी मंदिर के लिए होगी ये सुविधा

देहरादून:  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड से कहा कि चारों हिमालयी धामों के दर्शन के इच्छुक श्रद्धालुओं को गर्भगृह को छोड़कर बाकी मंदिर परिसर के ऑनलाइन दर्शन और ऑडियो के माध्यम से पूजा अर्चना की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.

यहां चारधाम देवस्थानम प्रबंध बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने इसे प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया और कहा कि विश्वभर में उत्तराखण्ड अध्यात्म का केन्द्र है और यहां के मंदिरों की प्राचीन शैली इसकी विशिष्टता है जिसे बनाए रखना होगा.

यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग मंदिरों के ऑनलाइन दर्शन करना चाहते हैं, उन्हें गर्भगृह को छोड़कर मंदिर परिसर के ऑनलाइन दर्शन एवं ऑडियो के माध्यम से पूजा-अर्चना करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. हालांकि उन्होंने कहा कि इसमें धार्मिक मान्यताओं का भी पूरा ध्यान रखा जाए.

गौरतलब है कि गढवाल हिमालय के चारों धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुल चुके हैं लेकिन कोविड-19 के कारण अभी तीर्थयात्रियों को उनके दर्शन के लिए आने की अनुमति नहीं है.

बैठक में कोविड-19 के मद्देनजर चारधाम यात्रा का सुचारू ढंग से चलाने तथा मंदिरों से जुड़ी प्रमुख पाण्डुलिपियों एवं अन्य ऐतिहासिक महत्व के सामग्री संग्रहण के लिए संग्रहालय बनाने पर भी चर्चा की गई.

रावत ने कहा कि कुछ अन्य मंदिर समितियों ने भी देवस्थानम बोर्ड से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की है जिसके बारे में विचार कर भविष्य में कुछ अन्य मंदिरों को भी इससे जोड़ा जा सकता है.

बोर्ड ने राज्य सरकार द्वारा धार्मिक यात्रा के समुचित संचालन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करने तथा बोर्ड का एक अलग ‘लोगो’ बनाने का भी निर्णय लिया.

मंदिरों की सम्पत्ति, निधि, बहुमूल्य वस्तुओं को बोर्ड के प्रबंधन में लाने हेतु मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अधिकृत किया गया इसके अलावा यह भी फैसला किया गया कि बोर्ड का अलग बैंक खाता होगा जिसके लिए बैठक में राज्य सरकार द्वारा 10 करोड़ रुपये की धनराशि की स्वीकृति दी गई. बद्री-केदार मंदिर समिति की अवशेष धनराशि भी उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड में स्थानांतरित की जाएगी.

बैठक में फैसला लिया गया कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड में विभिन्न न्यायिक मामलों के लिए न्यायाधिकरण बनाया जाएगा.

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष सतपाल महाराज, बद्रीनाथ के विधायक महेंद्र भटट, गंगोत्री के विधायक गोपाल रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह और बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

(इनपुट: भाषा )

ये भी देखें:

Trending news