वड़ोदरा के हुसैन खां ने माचिस की तिलियों से बनाई सरदार पटेल की मूर्ति
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वड़ोदरा के हुसैन खां ने माचिस की तिलियों से बनाई सरदार पटेल की मूर्ति

वड़ोदरा के आजवा रोड पर स्थित एकता नगर में रहने वाले और साईकिल स्टोर चलाकर अपना गुजरा चलने वाले हुसैन खां पठान नामक युवक ने लौह पुरुष सरदार पटेल को अनोखे तरीके से जन्मदिन पर भावांजलि अर्पित की है.

वड़ोदरा के हुसैन खां ने माचिस की तिलियों से बनाई सरदार पटेल की मूर्ति

तुषार पटेल, निर्मल त्रिवेदी, वड़ोदराः एक तरफ जहा नर्मदा में लौह पुरुष सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का 31 अक्टूबर के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लोकार्पण होने जा रहा है. जिसपर पूरे देश के साथ साथ पूरे विश्व की भी नजर है. वहीं वड़ोदरा में साइकिल स्टोर चलाकर अपना गुजारा चलाने वाले एक मुस्लिम युवक ने माचिस की तीलियों की मदद से साढ़े छह फुट ऊंचाई के आकर की सरदार पटेल की प्रतिमा बनाकर गुजरात के साथ साथ पूरे देश को यह सन्देश दिया है की लौह पुरुष सरदार पटेल ना किसी समुदाय के है ना किसी पार्टी के. सरदार पटेल पूरे देश के लौह पुरुष है. 

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वड़ोदरा के आजवा रोड पर स्थित एकता नगर में रहने वाले और साईकिल स्टोर चलाकर अपना गुजरा चलने वाले हुसैन खां पठान नामक युवक ने लौह पुरुष सरदार पटेल को अनोखे तरीके से जन्मदिन पर भावांजलि अर्पित की है. हुसैन खा पठान ने लौह पुरुष को आदरांजलि देने की बात इसी साल यानि मई -2018 में ही ठान ली थी.

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लौह पुरुष को जन्मदिन के अवसर पर कुछ करना था अनोखा ताकि सही मायनो में सरदार पटेल को उनके कद के अनुसार भावांजलि अर्पित की जाये. और अपने इस इरादे को पूरा करने के लिए हुसैन ने माचिस की तीलियों से सरदार पटेल की प्रतिमा बनाने का मन में निश्चय किया.

इस कार्य का आरम्भ करने के लिए हुसैन ने सबसे पहले अपना साईकिल स्टोर चलाकर मिली मेहनत की कमाई से माचिस के 4265 बॉक्स ख़रीदे. इसके बाद हुसैन ने सरदार पटेल की प्रतिमा को स्वरुप देने के लिए और इन माचिस की तीलियों को जोड़ने के लिए साथ फेविकोल ख़रीदा और 24 से ज्यादा फेवीक्विक का उपयोग किया. .हुसैन पठान को इस काम को पूरा करने में लगभग छह महीने का वक्त लगा. महत्वपूर्ण बात यह है की हुसैन खां पठान मुस्लिम परिवार का है और आर्थिक रूप से काफी कमजोर भी हालत थी परिवार की. फिर भी अपने इस निश्चय को पूरा करने के लिए हार नहीं मानी.

हुसैन पहले से ही जब भी  किसी भी समुदाय का त्योहार, पर्व  हो होनी कला के माध्यम से हर त्यौहार पर्व पर प्रसंगोचित आर्ट वर्क कर सामुदायिक सद्भावना का उदाहरण देता आया है. और हर त्यौहार पर्व पर चाहे वो हिन्दुओं का हो या मुसलमानों का चाहे सिख या ईसाई का हर त्यौहार पर प्रासंगिक कलाकृति बनता है और भाईचारे की सौगात फैलता है.

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कुछ समय पहले गणेशोत्सव के दौरान हुसैन ने इसी तरह माचिस की तीलियों से 3.5 फिट के गणेश की प्रतिमा बनायीं थी. जिसे काफी सराहा गया था. लेकिन सरदार पटेल की प्रतिमा बनाना हुसैन के लिए कुछ खास है. क्योंकि हुसैन को लगता है की सरदार पटेल से ज्यादा एकता का कोई स्वरुप हो ही नहीं सकता और यह प्रतिमा बनाने से देश भर में एकता और भाईचारे का सन्देश जायेगा.

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आनेवाली 31 अक्टूबर के दिन लौहपुरुष  गौरव सरदार पटेल की जन्मजयंती के दिन विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी का लोकार्पण प्रधानमंत्री के हाथो होना है वहीं वड़ोदरा के इस गरीब कलाकार द्वारा बनायीं गयी सरदार पटेल की माचिस की तीलियों से बनी प्रतिमा को केवडिया के म्यूजियम में रखा जाये इस तरह की यहां कलाकार अपनी भावनाये व्यक्त कर रहा है. 

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