जयपुर: राजस्थान(Rajasthan) के बड़े-बड़े किलों, हवेलियों, देश पर मर मिटने वाले हठीले वीरों, रंगों, त्योहारों, मीठी भाषा और अलग सांस्कृतिक पहचान को कौन नहीं जानता. पर राजस्थान की शाही हेरिटेज शराब(Heritage Wine of Rajasthan) के बारे में शायद कम ही लोग जानते है.
राजस्थान के पूर्व राजाओं, जागीरदारों और राजपरिवार के लोगों के पीने के लिए अलग-अलग तरीकों से सूखे मेवों, फलों और जड़ी बूटियों से अलग-अलग मौसम को ध्यान में रखकर शराब बनाई जाती थी. जिसे विभिन्न शाही समारोहों में मौसम और मिजाज के हिसाब से परोसा जाता था. विभिन्न राजघरानों में विभिन्न विधियों से इस शाही शराब का निर्माण किया जाता था. लेकिन अब शराब शौकिन इस हेरीटेज लिकर का आनंद होटल और बार रेस्टोरेंट में भी ले सकेंगे.
वित्त विभाग(Finance Department) ने सरकार का राजस्व बढाने के सभी मॉडल पर काम करना शुरू कर दिया है. वित्त विभाग ने राजस्व बढाने के लिए अब हेरीटेज लिकर को भी बार और रेस्टोरेंट में बेचने की अनुमति दे दी है. वहीं, अगले महीने से हेरीटेज लिकर को गंगानगर शुगर मिल गिफ्ट पैक में भी तैयार करेगा.
वित्त विभाग के निर्देश पर आबकारी विभाग ने इस संबध में अधिसूचना भी जारी कर दी है. यदि सबकुछ ठीक रहा तो जल्द बार और रेस्टोरेंट में हेरिटेज ब्रांड की शराब मिलेगी. अभी तक बार और रेस्टोरेंट में अंग्रेजी शराब ही बेचने की अनुमति थी. ऐसी स्थिति में गंगानगर शुगर मिल निर्मित हेरीटेज शराब की बिक्री में गिरावट आ रही थी. क्योंकि उसे बेचने के लिए कोई प्लेटफार्म आबकारी विभाग के पास नहीं था. ऐसे में गंगानगर शुगर मिल के घटते राजस्व को पटरी पर लाने के लिए सरकार के स्तर पर विचार हुआ और आबकारी विभाग ने बार और रेस्टोरेंट में हेरीटेज ब्रांड की शराब को बेचने की अनुमति दे दी.
इस साल आबकारी विभाग ने शराब से 11 हजार करोड़ रूपए का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है. सरकार अभी तक अंग्रेजी शराब से राजस्व अर्जन का बडा जरिया मानती थी, लेकिल बदलते वक्त और गंगानगर शुगर मिल के बढते घाटे के बाद वित्त विभाग और आबकारी विभाग ने हेरिटेज शराब को बेचने का पैटर्न को बदला है. इससे पहले भी हेरिटेज के कई ब्रांड नहीं बिकने के कारण बाजार से बाहर हो चुके हैं.
गंगानगर शुगर मिल के अफसरों का कहना है की हरियाणा में प्राइवेट कंपनियां देशी शराब बेचती है और अगर राजस्थान में देशी और हेरिटेज की ब्रिकी को लेकर अगर सही नीति रही तो आने वाले दिनों में प्राइवेट कंपनियां यहां भी पैर जमा सकती है.
बहरहाल, राजघरानों द्वारा इस शराब बनाने की विधि को गोपनीय भी रखा जाता था. लेकिन अब अब राजघरानों से शाही शराब बनाने की विधि लेकर राजस्थान की गंगानगर शुगर मिल विभिन्न विधियों द्वारा शाही शराब का उत्पादन कर शराब प्रेमियों के लिए ये शाही शराब बाजार में उपलब्ध कराती है.