गुरुवार के आंदोलन में पुणे सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा जहां भीड़ ने जिला कलेक्टरेट में तोड़फोड़ की और कुछ अन्य हिस्सों में हिंसा हुई.
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मुंबई: आरक्षण की मांग को लेकर राज्यव्यापी प्रदर्शन के दौरान महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्से में हिंसा और आगजनी हुई, सड़क यातायात बाधित किया गया और रैलियां निकाली गईं. वहीं अफवाहों की रोकथाम के लिए पुणे की सात ग्रामीण तहसीलों में इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं. दिन भर चलने वाले आंदोलन की शुरुआत सुबह में शांतिपूर्ण तरीके से हुई लेकिन दोपहर में यह हिंसक हो गई.
राज्य में मराठा राजनीतिक रूप से प्रभावशाली समुदाय हैं जो राज्य की कुल आबादी का करीब 30 फीसदी हैं और वे सरकारी नौकरियों तथा शिक्षा में 16 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं. मराठा समुदाय के नेताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अपील की थी लेकिन हिंसा और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया गया.
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार वैध रूप से आरक्षण मुहैया कराने पर काम कर रही है, इसके बावजूद मराठा समूहों ने बंद का आह्वान किया.
पुणे रहा सबसे ज्यादा प्रभावित
गुरुवार के आंदोलन में पुणे सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा जहां भीड़ ने जिला कलेक्टरेट में तोड़फोड़ की और कुछ अन्य हिस्सों में हिंसा हुई. कलेक्टर नवल किशोर राम ने बताया, ‘मेरी सूचना के मुताबिक प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार और सुरक्षा केबिन के शीशे तोड़ दिए गए.’ सूत्रों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने परिसर में बिजली के कुछ बल्ब भी तोड़ डाले.
पुणे के चांदनी चौक इलाके में शाम में कुछ शरारती तत्वों ने पुलिस पर पथराव किया. पुणे पुलिस के संयुक्त आयुक्त (कानून-व्यवस्था) शिवाजी बोडके ने कहा,‘आंदोलन के बाद कुछ शरारती तत्वों ने पुलिस पर पथराव किया और मुंबई-बेंगलुरू राजमार्ग को जाम करने का प्रयास किया.’
उन्होंने कहा,‘जब पुलिसकर्मियों ने उन्हें राजमार्ग जाम करने से रोका तो उन्होंने पथराव शुरू कर दिया जिसके बाद पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया और उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया.’ पुलिस अधीक्षक संदीप पाटिल ने कहा कि पुणे जिले की सात ग्रामीण तहसीलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि औरंगाबाद जिले के क्रांति चौक पर किसी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ नारेबाजी की जिसके बाद प्रदर्शनकारियों के दो समूहों में संघर्ष हो गया.
अधिकारी के मुताबिक शिवसेना के जिला प्रमुख अंबादास दानवे के नेतृत्व में एक समूह ने नारेबाजी पर आपत्ति जताई जिसके बाद दोनों पक्षों के सदस्यों ने एक-दूसरे से मारपीट की. पुलिस अधिकारी ने बताया,‘घटना में एक व्यक्ति जख्मी हो गया लेकिन हमने स्थिति पर नियंत्रण कर लिया. दोनों समूहों को अलग कर उनके सदस्यों को तितर-बितर किया गया.’
प्रदर्शनकारी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार के पुणे के बारामती तहसील स्थित आवास के बाहर धरने पर भी बैठे. यहां पवार के भतीजे अजित पवार भी मराठा समुदाय की मांग को लेकर धरने में शामिल हुए.
प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जलाए टायर
प्रदर्शनकारियों ने लातूर, जालना, सोलापुर और बुलढाना जिले में बस एवं अन्य वाहनों को नहीं चलने दिया. उन्होंने माधा-शेतफल मार्ग को जाम कर दिया जो राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या नौ (पुणे-हैदराबाद) से जुड़ता है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने जालना और अहमदनगर जिलों में सड़कों पर टायर जलाए.
कोल्हापुर से शिवसेना के विधायक प्रकाश आबितकर मुंबई में विधान भवन के बाहर धरने पर बैठ गए. उन्हें मराठा समुदाय के आरक्षण की मांग के समर्थन के कारण परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया.
मराठा समूहों के संघ सकल मराठा समाज ने नवी मुंबई को छोड़कर पूरे महाराष्ट्र में बंद का आह्वान किया है. सकल मराठा समाज के नेता अमोल जाधवराव ने कल कहा था कि गुरुवार (आज) को सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जाएगा.
सेनगांव इलाके में गोदाम में प्रदर्शनकारियों ने लगाई आग
मराठवाड़ा के हिंगोली जिले में प्रदर्शनकारियों ने सेनगांव इलाके में पंचायत समिति के गोदाम में आग लगा दी. एक अधिकारी ने बताया कि परभनी जिले के मनवत में हिंसक प्रदर्शनकारियों ने एक टोल प्लाजा में तोड़फोड़ की.
लातूर में कांग्रेस विधायक त्रिम्बकराव भिसे को मराठा प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा जिन्होंने उन्हें धक्का देकर भगा दिया. प्रदर्शनकारियों ने नांदेड़ में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के सत्यप्रभा अखबार को निशाना बनाया. पुलिस ने कहा कि उन्होंने कार्यालय के शीशे तोड़ दिए.
(इनपुट - भाषा)