पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इसके कैंपस में सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) के जवानों की स्थाई तैनाती कर दी जाए.
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पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इसके कैंपस में सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) के जवानों की स्थाई तैनाती कर दी जाए. हाल के वक्त में विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्रों व कर्मचारियों के टकराव की घटनाओं का हवाला देते हुए यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर विद्युत चक्रवर्ती ने चिट्ठी लिखकर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से यह मांग की है. इस लेटर की एक कॉपी प्रधानमंत्री कार्यालय को भी भेजी गई है. आपको बता दें कि विश्व भारती यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के साथ वहां के कर्मियों के बीच लड़ाई पुरानी है.
पे कमिशन के पैसे को लेकर इन कर्मियों की लड़ाई चल रही है. क्योंकि अभी तक इन्हें पे कमीशन का पैसा नहीं मिला है. और इसी के चलते इन लोगों ने कई दिनों से विश्व भारती में काम बंद कर रखा है. इसके बाद हाल ही में वाइस चांसलर के दफ्तर में ही उनको बंद कर बाहर से ताला लगा दिया था. इन कर्मियों का आरोप है की वाइस चांसलर विभिन्न तरह के अनैतिक कार्य कर रहे है और इसी का विरोध करने पर दो कर्मियों को काम से भी हटा दिया गया था.
और साथ ही तब तक उनको विरोध जारी रहेगा जब तब उन दोनों कर्मियों को बहाल न किया जाए. इसके साथ साथ जब विश्व भारती में पढ़ने आये छात्र वाइस चांसलर से मिलने पहुंचे तो उन्हें दफ्तर के अंदर जाने नहीं दिया गया और इसके बाद कर्मचारियों ने हंगामा किया. टीचर किशोर भट्टाचार्य ने बताया कि पोश मेला के लिए हमारी एक मीटिंग थी वाईस चांसलर के साथ.
यह प्राचीन मेला है और यह हमारा एक उत्सव है जिसको लेकर हम वाईस चांसलर से मिलने आए हैं. लेकिन यहाँ पर आने के बाद देखा कि यहाँ ताला लगा दिया है. यह लोग आंदोलन कर सकते है लेकिन इस तरह से ताला क्यों लगाया? यह गलत है. हम वाईस चांसलर से मिलना चाहते हैं.
कर्मी सभा के नेता गगन हाज़रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके दो कर्मियों को गलत तरीके से यहाँ से एक का ट्रांसफर कर दिया जिसकी माँ कि दोनों किडनी ख़राब है जिनका डायलिसिस किया जा रहा है और उसके अपॉइंटमेंट लेटर में भी साफ़ साफ़ लिखा था कि उनकी माँ का ख्याल रखना होगा लेकिन अब उसका ट्रांसफर कर दिया गया जिसके चलते अब उसकी माँ का कोई ख्याल नहीं रखेगा.
यहाँ पर बाहर से लोग बुलाकर जो वाईस चांसलर के करीबी है उन्हें यहाँ बुलाकर हंगामा किया जा रहा है.वही तृणमूल छात्र नेता अचिंता बागड़ी ने बताया कि पिछले 14 - 15 दिनों से विश्व भारती जैसे थम सा गया था. यहाँ कुछ नहीं हो रहा था जैसे जब हम लाइब्रेरी जाते थे तो वह ठीक सुविधा नहीं मिल रही है.
अकाउंट में भी सटीक सुविधा नहीं मिल रही है. उसके साथ साथ जब कि हमारी अटेंडेंस ७५ प्रतिशत है उसके बावजूद हमसे फाइन मांगा जा रहा है. और अलग अलग तरीके से यहाँ परेशान किया जा रहा है. हम नहीं चाहते कि विश्व भर्ती बंद हो. हम बातचीत करना चाहते है जिसके ज़रिये समस्या जैसे हॉस्टल, रसोई और सुरक्षा जैसी समस्याओ का समाधान हो. हमने गुज़ारिश कि कि ताला खोला जाए , हमने ताला तोड़ने कि कोशिश भी कि लेकिन नहीं तोड़ पाए. हम चाहते है इसका समाधान हो.