सेब ही नहीं इस साल खूब डिमांड में है कश्मीरी अखरोट, व्यापारियों को है अच्छे रेट की उम्मीद
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सेब ही नहीं इस साल खूब डिमांड में है कश्मीरी अखरोट, व्यापारियों को है अच्छे रेट की उम्मीद

श्रीनगर से 110 किलोमीटर दूर उड़ी कस्बा, जो अक्सर पाकिस्तान की तरफ से होने वाले युद्धविराम उल्लंघन की वजह से खबरों में रहता है, भारत में अखरोट उत्पादन का केंद्र है. 

इस साल अखरोट और अखरोट की गिरी की मांग अधिक है

श्रीनगर: कश्मीर से देश के सभी राज्यों के अलावा कश्मीर दुनिया के 23 से अधिक देशों को कश्मीरी अखरोट एक्सपोर्ट किया जाता है. हर वर्ष इससे करीब 100 करोड़ की कमाई होती है मगर इस बार फसल ज्यादा और अच्छी होने से व्यापारियों को अनुमान है कि यह आंकड़ा 120 करोड़ रुपये से अधिक होगा. इस साल अखरोट और अखरोट की गिरी की मांग अधिक है और त्यौहारों के करीब होने से किसानों को अच्छे कारोबार की उम्मीद है.

श्रीनगर से 110 किलोमीटर दूर उड़ी कस्बा, जो अक्सर पाकिस्तान की तरफ से होने वाले युद्धविराम उल्लंघन की वजह से खबरों में रहता है, भारत में अखरोट उत्पादन का केंद्र है. यहां से करीब 60% अखरोट भारत और कई देशों के बाजारों में पहुंचता है. कश्मीर से हर वर्ष 100 मीट्रिक टन अखरोट का उत्पादन होता और इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. मांग को देखते हुए किसान भी अपना उत्पादन तेज़ी से बढ़ा रहा है ताकि बाजार की मांग को पूरा कर सके. उड़ी के लगाम इलाके में कश्मीर की अखरोट की सबसे बड़ी मंडी है. जहां पूरे उड़ी के अलावा सारे कश्मीर का अखरोट पहुंचता है. एक अनुमान के मुताबिक देश में बिकने वाले या एक्सपोर्ट होने वाले अखरोट का 90% अखरोट कश्मीर से जाता है.

उड़ी मंडी का व्यापारी अयाज फारूक कहते हैं, "यहां जो माल आता है मंडियों में उसकी कीमत 200 से 1500 प्रति किलो तक की होती है. सबसे ज्यादा कारोबार उड़ी से होता है. 20% उड़ी के लोग कारोबार से जुड़े हैं और 80% किसान हैं. यहां की गिरी पुरे देश और साउथ एशिया में सबसे मीठी होती है." उन्होंने आगे कहा, "हमारी डिमांड हैं कि उड़ी और बोनियार में एग्रीकल्चर के जरिए काम और नई तकनीकी मिले ताकि दुनिया के कम्पटीशन में हम आएं. हमारी उम्मीद है कि हमें रेट अच्छे मिलेंगे. हमारे सारे किस्म का माल जा रहा है हर किसी मंडी में जा रहा है."

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अन्य अखरोट किसान अली मोहम्मद कहते हैं, "कश्मीर में जो लोग यह कारोबार करते हैं वो लगभग 40 प्रतिशत लोग होंगे. इसमें काफी लोग जुड़े हैं जिनको रोज़गार मिलता है." एक और किसान अब्दुल रहीम कहते हैं, "यह बहुत बड़ा उद्योग है. बहुत लोग इससे जुड़े हैं. हर कोई अपनी अपनी तरह से काम करता है."

 
जम्मू-कश्मीर में पिछले दो दशक में अखरोट का दो सौ छह हजार मीट्रिक टन से अधिक अखरोट का उत्पादन किया गया है. राज्य में इसकी मांग तेजी से बढ़ती देखी गई है. कश्मीरी अखरोट को दुनिया की सबसे अच्छी गिरी मानी जाती है. व्यापारियों के अनुसार थोक बाजार में अखरोट की गिरी का मांग इस वर्ष 35 प्रतिशत बढ़ी है. इस मांग को देखते हुए, राज्य हॉटीकल्चर विभाग बेहतर किस्म का उत्पादन करने के लिए काम कर रहा है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अच्छी फसल और पैसा मिल सकता है. लेकिन इसमें मुश्किलें भी हैं. इस ड्राई फ्रूट का मुख्य उत्पादन होने वाला उड़ी गांव नियंत्रण रेखा के करीब है. जहां ज़्यादातर समय गोलाबारी उनके व्यापार नुकसान पहुंचाती है, जिससे उनकी फसल और कमाई पर असर पड़ता है.

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