बॉम्बे हाई कोर्ट ने विजय माल्या से पूछा, 'कानून का सामना करने के लिए कब लौटेंगे?'
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बॉम्बे हाई कोर्ट ने विजय माल्या से पूछा, 'कानून का सामना करने के लिए कब लौटेंगे?'

पीठ माल्या द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें नए भगोड़े आर्थिक अपराधी कानून के तहत उन्हें ‘भगोड़ा’ घोषित करने के शहर की एक अदालत के पांच जनवरी के आदेश को चुनौती दी गई थी.

विजय माल्या को प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर एक विशेष अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किया गया है. (फाइल फोटो)

मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को भगोड़े कारोबारी विजय माल्या से पूछा कि वह उनके खिलाफ लंबित कानूनी कार्यवाही का सामना करने के लिए भारत कब लौटेंगे.

न्यायमूर्ति इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति सारंग कोटवाल की पीठ माल्या द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें नए भगोड़े आर्थिक अपराधी कानून के तहत उन्हें ‘भगोड़ा’ घोषित करने के शहर की एक अदालत के पांच जनवरी के आदेश को चुनौती दी गई थी.

माल्या के वकील अमित देसाई ने कहा कि उन्हें भगोड़ा घोषित करने और उनकी संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति देने से उनके कर्जदाताओं के हितों को ही नुकसान पहुंचेगा. देसाई ने इस नये कानून को ‘‘बर्बर’’ करार दिया.

वकील ने कहा,‘पहली नजर में यह (भगोड़ा घोषित करना) असंवैधानिक है... इससे केन्द्र सबकुछ जब्त कर सकता है, चाहे संपत्ति अपराध से जुड़े धन से खरीदी गई हो या नहीं.’

इस पर, न्यायाधीशों ने कहा,‘लेकिन जैसे ही आपके मुवक्किल वापस लौटेंगे और कार्यवाही का सामना करेंगे, वैसे ही यह (भगोड़े का) तमगा हट जाएगा. संपत्तियां भी छोड़ दी जाएंगी... इसलिए, यह कब हो रहा है?’

देसाई ने कहा कि माल्या वापस लौटना चाहते हैं लेकिन ब्रिटेन की एक अदालत ने उन्हें उसकी अनुमति के बिना ब्रिटेन छोड़कर जाने पर पाबंदी लगा रखी है.

पीठ ने कहा कि वह केवल रक्षात्मक आदेश था क्योंकि माल्या ने उनके प्रत्यर्पण की कार्यवाही को चुनौती दी थी. न्यायाधीशों ने सवाल किया,‘आप स्वयं वापस लौट सकते हैं. क्या आपने कभी इंग्लैंड की इस अदालत के पास जाकर कहा कि आप (भारत) वापस लौटकर लंबित कार्यवाही का सामना करना चाहते हैं?’

माल्या को प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर एक विशेष अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किया गया है.

विशेष अदालत के सामने ईडी की याचिका पर अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी. इस याचिका में जब्तगी कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी गई है.

देसाई ने कहा कि माल्या की ज्यादातर संपत्तियों को ‘‘किसी न किसी एजेंसी द्वारा’ पहले ही कुर्क किया जा चुका है और जब्त करने से सिर्फ यह होगा कि इन संपत्तियों से प्राप्त धन का इस्तेमाल कर्जदाताओं और बैंकों को भुगतान करने में नहीं हो सकता. पीठ ने ईडी के वकील हितेन वेनेगांवकर को आठ मार्च तक माल्या की याचिका पर जवाब देने को कहा.

 

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