आखिर कानून के शिकंजे से क्यों बच जाते है कश्मीर के पत्थरबाज? गृह मंत्रालय ने बताया
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आखिर कानून के शिकंजे से क्यों बच जाते है कश्मीर के पत्थरबाज? गृह मंत्रालय ने बताया

इस साल सुरक्षा बलों पर 587 आतंकी हमले हो चुके हैं, जबकि पिछले साल ये संख्या 329 थी.

फाइल फोटो- DNA

नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी करने वालों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा बयान दिया है. बता दें कि इस साल अक्टूबर तक आतंकियों ने 284 बार घुसपैठ की कोशिश की, जिसमे 128 बार आतंकी देश की सीमा में घुसने में कामयाब हो गए. पिछले साल 113 बार आतंकी देश की सीमा में घुसने में कामयाब हुए थे. 

गृह मंत्रालय ने कश्मीर की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे संविधान में सेना-सुरक्षाबलों के जवानों पर पत्थबाजी करने और देश विरोधी नारे लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई विशेष प्रावधान नहीं है. गृह मंत्रालय के मुताबिक पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से जम्मू कश्मीर सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद और अलगाववादी हिंसा से प्रभावित रहा है. देश विरोधी और अनैतिक गतिविधियों में शामिल लोगों ने कुछ स्थानीय नागरिकों को भी बहका दिया है.  

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गौरतलब है कि पाकिस्तान की मदद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के ख़िलाफ हो रहे आतंकी हमलों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है. संसद में पेश गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल सुरक्षा बलों पर 587 आतंकी हमले हो चुके हैं, जबकि पिछले साल ये संख्या 329 थी. रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर में हुए इस साल आतंकी हमलों में 86 जवान शहीद हो चुके हैं. रिपोर्ट बताती है कि सुरक्षा बलों ने इस साल अब तक 238 आतंकियों को मार गिराया, जबकि इस करवाई में अब तक 37 आम लोगो ने अपनी जान गवाई हैं.

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर की तरफ से राज्यसभा में पेश रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर राज्य सीमा पार से प्रायोजित और आंतकवादी हिंसा से प्रभावित रहा है.

नया गुट बना रहे हैं अलगाववादी
खुफिया रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ है कि कश्मीर में अलगाववादियों का एक नया गुट बनाया जा रहा है. 'यूथ विंग फ़ॉर फ्रीडम' नाम के इस संगठन को नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन का भी सपोर्ट मिल रहा है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान चुपचाप इस संगठन को खड़ा कर रहा है जिससे ये न पता चल सके कि कश्मीर में भारत के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के पीछे उसका हाथ है. इस ग्रुप के जरिये पाकिस्तान भरतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ में बड़े विरोध की  तैयारी में लगा गया है.

देखा जाए तो राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानी एनआईए ने कश्मीरी अलगाववादी आसिया अंद्राबी से पूछताछ के आधार पर खुलासा किया था कि पाकिस्तान अलगाववादियों की मदद से कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हमले करवा रहा है और कश्मीर को भारत से अलग करने की साज़िश में लगा हुआ है. आसिया अंद्राबी ने बकायदा पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को चिट्ठी लिख कर कश्मीर पर मदद मांगी थी.

सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, पाकिस्तान, 'यूथ विंग फ़ॉर फ्रीडम' के जरिये कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश में लगा है. वह दुनिया को यह बताना चाहता है कि आम कश्मीरी भारत से अलग होना चाहता है..  

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