योगी सरकार का बड़ा फैसला, फिर से खुलेंगे विश्वविद्यालय और कॉलेज, ये हैं गाइडलाइन्स
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योगी सरकार का बड़ा फैसला, फिर से खुलेंगे विश्वविद्यालय और कॉलेज, ये हैं गाइडलाइन्स

उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव मोनिका गर्ग (Monika Garg) के अनुसार, सभी जिला मजिस्ट्रेटों और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों को एक आदेश भेजा गया है. इसमें उच्च शिक्षण संस्थानों से कहा गया है कि वे चरणबद्ध तरीके से फिर से कक्षाएं शुरू करें ताकि परिसरों में भीड़ न हो.

फाइल फोटो

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कॉलेज और विश्वविद्यालय 23 नवंबर से फिर खुलेंगे. महामारी के कारण 8 महीने से बंद उच्च शैक्षणिक संस्थान रोस्टर के आधार पर छात्रों की 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ खुलेंगे.

  1. विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने के लिए दिशानिर्देश जारी 
  2. मास्क, हैंड सैनिटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे सभी नियमों के पालन अनिवार्य 
  3. कंटेन्मेंट जोन में रहने वालों को संस्थानों में एंट्री नहीं

विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने के लिए दिशानिर्देश जारी 
राज्य सरकार ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने के लिए दिशानिर्देश (Guidelines) जारी कर दिए हैं. उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव मोनिका गर्ग (Monika Garg) के अनुसार, सभी जिला मजिस्ट्रेटों और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों को एक आदेश भेजा गया है. इसमें उच्च शिक्षण संस्थानों से कहा गया है कि वे चरणबद्ध तरीके से फिर से कक्षाएं शुरू करें ताकि परिसरों में भीड़ न हो.

मास्क, हैंड सैनिटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे सभी नियमों के पालन अनिवार्य 
इसके अलावा फेस मास्क पहनने, हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे सभी नियमों का पालन करने के लिए कहा है. सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को छात्रों और कर्मचारियों दोनों के लिए थर्मल स्कैनिंग और हैंडवाश बेसिन का इंतजाम करना होगा. छात्रों को किताबें, नोट्स और लैपटॉप भी साझा करने की अनुमति नहीं होगी.

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कंटेन्मेंट जोन में रहने वालों को संस्थानों में एंट्री नहीं
वहीं कंटेन्मेंट जोन (Containment Zone) में रहने वाले छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को संस्थानों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के कुलपति और प्रिंसिपलों को अपने संस्थानों में सभी मानक संचालन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कहा गया है. ये संस्थान पास के अस्पतालों, स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ (NGO) से भी मदद ले सकते हैं. (इनपुट आईएएनएस)

 

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